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भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के पास है भारतीय कप्तान का पुश्तैनी गांव, गिल को क्रिकेटर बनाने के लिए पिता ने लिया था ये बड़ा फैसला

Shubman Gill ancestral village: भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान शुभमन गिल को उनके पुश्तैनी गांव चक खेरेवाला के लोग प्यार से शुभु कहते हैं। शुभमन गिल जब महज सात साल के थे, तब उन्‍हें क्रिकेटर बनाने के लिए पिता ने बड़ा फैसला लेते हुए अपना गांव छोड़ दिया था। लेकिन आज भी वहां के लोग गिल से बहुत प्यार करते हैं।

भारतJun 07, 2025 / 07:33 am

lokesh verma

Shubman Gill ancestral village

Indian Test team captain Shubman Gill. (Photo Source: IANS)

Shubman Gill ancestral village near by IND-PAK Border: पंजाब में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के पास एक छोटा सा गांव है, चक खेरेवाला, यह फाजिल्का डिस्ट्रिक्ट में आता है। यहां से पाकिस्तान की सीमा सिर्फ 16 किलोमीटर दूर है। इस गांव का नाम शायद ही किसी क्रिकेट प्रेमी ने सुना होगा, लेकिन इस गांव का भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान शुभमन गिल से काफी गहरा नाता है। दरअसल, यह गिल का पुश्तैनी गांव हैं, जहां 08 सितंबर 1999 में शुभमन गिल का जन्म हुआ था। 24 मई को जब गिल को भारतीय टेस्ट टीम का कप्तान बनाने की घोषणा की गई थी, तब इस गांव में जोरशोर से जश्न मनाया गया था।

अब ये टेस्ट टीम के कप्तान का गांव हैं

गांव के सरपंच रंगा राम कहते हैं कि शुभमन गिल हमारे गांव का गौरव है। अब इस जगह की पहचान भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान के गांव के तौर पर होगी। उन्होंने कहा, मुझे याद है कि हम गांव वाले कुछ विषय पर चर्चा कर रहे थे, तभी एक बच्चे ने आकर सूचना दी कि शुभु पाजी भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान बन गए हैं। सच कहें तो यह सुनकर सीना गर्व से चौड़ा हो गया। गांव में शुभमन को प्यार से शुभु पाजी कहते हैं।

गिल को क्रिकेटर बनाने के लिए पिता ने गांव छोड़ा

गिल के पिता लखविंदर सिंह किसान थे लेकिन उन्हें क्रिकेट से बडा लगाव था। यहां गिल के पूर्वजों की 60 एकड़ से ज्यादा जमीन है। गिल के पिता के पास दो विकल्प थे। पहला, यदि उन्हें गिल को क्रिकेटर बनाना है तो गांव छोड़कर मोहाली में बसना होगा, जहां क्रिकेट की सभी सुविधाएं हैं। दूसरा, गांव में रहकर सादा जीवन जिएं। गिल के पिता ने पहला विकल्प चुना और 18 साल पहले गांव छोड़ दिया।
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आज हर बच्चा शुभमन की राह चलना चाहता है

फाजिल्का क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव सुरिंदर छिंदी कहते हैं कि शुभमन के गांव के पास एक नए स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है, ताकि गांव के बच्चों को अच्छी सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने कहा, शुभमन गिल का प्रभाव इस गांव के अलावा आसपास के सभी गांव में देखने को मिलता है। हर बच्चा उनकी तरह क्रिकेटर बनना चाहता है। पहले लोग बच्चों को क्रिकेट खेलने से रोकते थे, लेकिन अब माता-पिता भी बच्चों को प्रोत्साहित करते हैं।

अपने कप्तान का स्वागत करने को बेताब

गांव के लोगों का कहना है कि शुभमन अपने गांव को भूला नहीं है। गिल को गांव में समय बिताना बहुत पसंद है। लेकिन इस बार शुभमन नहीं राष्ट्रीय टेस्ट टीम का कप्तान आएगा और हम उसका स्वागत करने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

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