क्रुणाल ने बताया सफलता का राज
प्लेयर ऑफ द मैच बने क्रुणाल ने मैच के बाद कहा, “जब आप इतने बड़े क्राउड के सामने खेलते हैं, तो आपको एकाग्रचित्त होना पड़ता है। मैंने वही किया। जब मैंने अपने दूसरे ओवर में वापसी की। मैंने इस बात पर फोकस किया कि मुझे कहां गेंदबाजी करनी है। अगर मार पड़े भी, तो सिर्फ अच्छी गेंद पर पड़े।” मैच-अप की रणनीति के हिसाब से आरसीबी के नए कप्तान रजत पाटीदार ने क्रुणाल को देर से गेंदबाजी के लिए बुलाया, क्योंकि केकेआर के मिडिल ऑर्डर में कई बाएं हाथ के बल्लेबाज थे। लेकिन क्रुणाल ने इन उम्मीदों को गलत साबित करते हुए उनमें से दो को आउट किया। इनमें से एक वेंकटेश अय्यर थे, जो क्रुणाल की एक तेज बाउंसर से चौंक गए और हेलमेट मंगवाना पड़ा। क्रुणाल ने कहा, “आपको खेल के प्रवाह के साथ चलना पड़ता है। क्रिकेट का विकास हो रहा है, बल्लेबाजों के स्किलसेट भी बदल रहे हैं, वे लगातार अच्छे शॉट्स खेलने में सक्षम हैं। इसलिए आपको भी अपने खेल को बेहतर बनाना होगा। मैंने तेज गेंदबाजी इसलिए की ताकि बल्लेबाजों को कम समय मिले। गति में बदलाव भी मेरी पहचान है। जितेश (शर्मा, विकेटकीपर) जानते हैं कि मैं कभी भी कुछ भी कर सकता हूं – वाइड यॉर्कर या बाउंसर। वह इसके लिए तैयार रहता है। अगर आपके पास कोई हुनर है जिससे आप फ़ायदा उठा सकते हैं, तो क्यों न करें?”
क्रुणाल अकेले स्पिनर नहीं थे जिन्होंने प्रभाव डाला। आरसीबी के लेगस्पिनर सुयश शर्मा ने भी औसत शुरुआत के बाद अच्छी वापसी की। पहले तीन ओवरों में 41 रन देने के बावजूद, जब कप्तान पाटीदार ने उन्हें 16वें ओवर में फिर से गेंदबाजी सौंपी, तो उन्होंने आंद्रे रसेल को गुगली पर आउट कर दिया। पाटीदार ने कहा, “हमारा फोकस साफ था कि हमें आंद्रे रसेल का विकेट चाहिए था। मुझे कोई दिक्कत नहीं थी कि सुयश रन दे रहे थे, क्योंकि वह हमारे मुख्य गेंदबाज हैं और मैंने उन पर भरोसा किया। इसके लिए गेंदबाजों को पूरा क्रेडिट जाता है। 13 ओवर तक केकेआर का स्कोर 130 के आसपास था। वहां से हमारे गेंदबाजों ने हिम्मत दिखाई, जो काबिल ए तारीफ़ है।”
दूसरी ओर केकेआर के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने 10वें ओवर के बाद नियमित अंतराल पर विकेट गिरने को हार की वजह बताया। सुनील नारायण और रहाणे के बीच 103 रनों की साझेदारी के बाद केकेआर की टीम 174/8 तक ही पहुंच पाई। रहाणे ने कहा, “जब मैं और वेंकटेश बल्लेबाजी कर रहे थे, तब हमें लगा कि 210-220 रन बनाना संभव है, लेकिन दो-तीन विकेट गिरने से पूरा मोमेंटम बदल गया। पिच पर थोड़ी ओस थी, लेकिन आरसीबी ने पावरप्ले में शानदार बल्लेबाजी की। मुझे लगा कि इस विकेट पर 170-180 रन कम थे, हमारा लक्ष्य 200+ रन बनाने का था। पावरप्ले में जल्दी विकेट मिलते तो फर्क पड़ सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।”