सऊदी अरब सरकार अपने स्पोर्ट्स कोटे के फंड से करेगी खर्च
इस लीग को शुरू करने में सऊदी अरब सरकार अपने स्पोर्ट्स कोटे के फंड से खर्च करेगी। इसके अलावा कुछ मल्टीनेशनल कंपनियां भी इसमें फंड देंगी। सऊदी अरब ने साल 2020 के बाद फुटबॉल, टेनिस, गोल्फ और फॉर्मूला वन रेस पर अरबों रुपए खर्च किए हैं। यही नहीं, सऊदी अरब फीफा विश्व कप की मेजबानी भी हासिल करने पर नजर गड़ाए हुए है।
ग्रैंड स्लेम जैसा होगा फॉर्मेट
इस टी20 लीग का फॉर्मेट ग्रैंड स्लेम टेनिस जैसा होगा। इस लीग की शुरुआत में कुल आठ टीमें होंगी। पूरे साल में टीमें अलग-अलग देशों में खेलेंगी। इसके बाद फाइनल मुकाबला सऊदी अरब में आयोजित होगा।
आईपीएल से आगे निकलना होगा
सऊदी अरब जानता है कि एशिया महाद्वीप में क्रिकेट से बड़ा कोई खेल नहीं है। ऐसे में वह क्रिकेट में पांव जमाना चाहता है। इसके लिए उसे आईपीएल से आगे निकलना होगा, जो दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग है। आईपीएल की ब्रांड वैल्यू अभी 1.2 बिलियन डॉलर है। साउदी अरब की लीग से आईपीएल पर क्या असर पड़ेगा? क्या भारतीय खिलाड़ी भी इसमें हिस्सा लेंगे? आइये एक नजर डालते हैं, इन बिंदुओं पर-
1. आईपीएल पर क्या पड़ेगा प्रभाव?
सऊदी अरब दूसरे देशों के बड़े क्रिकेटरों को ज्यादा पैसे का लालच दे सकता है। इससे वे आईपीएल में खेलने से इनकार कर सकते हैं। इससे आईपीएल का रोमांच फीका हो सकता है। 2. क्या भारतीय खिलाड़ी खेलेंगे?
बीसीसीआई ने उन खिलाड़ियों के दूसरी लीग में खेलने पर बैन लगा रखा है, जो भारतीय टीम या घरेलू क्रिकेट में खेलते हैं। सिर्फ पूर्व क्रिकेटर विदेशी लीग में खेल सकते हैं।
3. भारतीय दिग्गज नहीं खेले तो क्या होगा?
भारत के मौजूदा क्रिकेटर किसी बाहरी लीग में नहीं खेलते। इस कारण सऊदी अरब की कोशिश मोटा पैसा देकर दूसरे देशों के बड़े खिलाड़ियों को लुभाने पर होगी।
4. क्या आईसीसी की मंजूरी जरूरी होगी और क्यों?
दुनिया में किसी भी क्रिकेट लीग को शुरू करने के लिए आईसीसी की मंजूरी लेनी पड़ती है। आईसीसी पूरी योजना को देखने के बाद ही मंजूरी देता है, लेकिन लीग के संचालन में उसकी भूमिका नहीं होती। 5. क्या सऊदी लीग को अन्य देशों का समर्थन मिलेगा?
सऊदी लीग को अभी ऑस्ट्रेलियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन का समर्थन है। हालांकि आईसीसी और बीसीसीआई का क्रिकेट पर दबदबा है। ऐसे में अन्य देश शायद ही सऊदी लीग को समर्थन दें।