श्रीलंका क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ियों में से एक एंजेलो मैथ्यूज ने 2009 में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था। एक ऑलराउंडर के तौर पर उन्होंने बल्ले और गेंद दोनों से अपनी छाप छोड़ी, और उनकी कप्तानी में श्रीलंका ने कई कठिन परिस्थितियों में जीत हासिल की। मैथ्यूज ने 118 टेस्ट मैचों में 8,010 रन बनाए, जिसमें 16 शतक और 40 अर्धशतक शामिल हैं। उनका बेस्ट स्कोर 200* रहा, जो उन्होंने 2020 में जिम्बाब्वे के खिलाफ बनाया था। उनकी बल्लेबाजी औसत 45 के करीब रही, जो उनकी निरंतरता और दबाव में प्रदर्शन करने की क्षमता को दर्शाता है। वह श्रीलंका के तीसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले टेस्ट बल्लेबाज हैं। वह कुमार संगकारा (12,400 रन) और महेला जयवर्धने (11,814 रन) से पीछे हैं।
श्रीलंका के लिए तीसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले
दिसंबर 2024 में मैथ्यूज ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट में 8,000 रन का आंकड़ा पार किया, जिसने उन्हें इस एलीट क्लब में शामिल किया। मैथ्यूज का योगदान सिर्फ बल्लेबाजी तक सीमित नहीं था। एक मध्यम गति के गेंदबाज के तौर पर उन्होंने 33 विकेट लिए, और उनकी उपयोगिता ने टीम को संतुलन प्रदान किया। उनकी कप्तानी में श्रीलंका ने 2014 में इंग्लैंड में ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीती, जो उनके नेतृत्व की एक मिसाल है। मैथ्यूज ने गॉल में 2,000 टेस्ट रन पूरे किए, जो उन्हें जो रूट और ग्राहम गूच जैसे दिग्गजों के साथ एक विशेष सूची में शामिल करता है। मैथ्यूज का करियर भी विवादों से बच नहीं पाया। 2023 वनडे विश्व कप में बांग्लादेश के खिलाफ ‘टाइम्ड आउट’ होने वाले वह पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बने। मैथ्यूज के संन्यास के बाद श्रीलंका क्रिकेट के लिए एक युग का अंत होगा। उनकी विरासत युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करती रहेगी, और उनके आंकड़े श्रीलंका के गौरवशाली क्रिकेट इतिहास में हमेशा चमकेंगे। मैथ्यूज ने न केवल रन बनाए, बल्कि अपने नेतृत्व, समर्पण और खेल के प्रति प्रेम से लाखों दिल जीते हैं।