शनिवार को राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए जायसवाल ने पंजाब किंग्स के खिलाफ 45 गेंदों में 67 रनों की अहम पारी खेली और टीम को 50 रन से जीत दिलाने में मदद की। इससे पहले वे लगातार कम स्कोर पर आउट हो रहे थे। हालांकि, यह अर्धशतक आईपीएल में उनका सबसे धीमा था, जिसमें उन्होंने 12 डॉट गेंदें खेलीं।
जाफर ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि गोवा की कोई भी पेशकश इतनी बड़ी हो सकती है कि कोई खिलाड़ी मुंबई जैसी टीम छोड़ दे, खासकर जब वह केवल 23 साल का हो। अगर कोई 34-35 साल का होता, तो यह समझ में आता।”
उन्होंने आगे कहा कि संभवतः मुंबई टीम प्रबंधन के साथ मतभेदों के चलते जायसवाल ने यह कदम उठाया होगा। “जिस खिलाड़ी ने अंडर-14 से लेकर सीनियर स्तर तक मुंबई के लिए खेला हो, उसका गोवा जैसी हाल ही में एलीट ग्रुप में आई टीम से जुड़ना हैरान करने वाला है।”
जाफर ने सुझाव दिया कि जायसवाल को रणजी ट्रॉफी की चिंता करने के बजाय भारत के लिए तीनों फॉर्मेट खेलने पर ध्यान देना चाहिए। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व बल्लेबाज और मुंबई इंडियंस के पूर्व कोच मार्क बाउचर ने भी जायसवाल की पारी को लेकर जाफर की राय से सहमति जताई। उन्होंने कहा, “जायसवाल ने 50 रन बनाने में लगभग 40 गेंदें लीं, लेकिन इसके बाद उनका स्ट्राइक रेट शानदार था। ऐसा लग रहा था कि अगर उन्हें दो-तीन ओवर और खेलने मिलते, तो वो मैच फिनिश भी कर सकते थे।”
बाउचर ने माना कि जायसवाल को आउट होने पर काफी निराशा हुई क्योंकि यह उनके लिए फॉर्म में लौटने का बेहतरीन मौका था।