धुला चोकर्स का दाग
साउथ अफ्रीका ने इसके साथ चोकर्स का दाग भी धो दिया है। इस मैच के हीरो रहे एडेन मार्करम ने 207 गेंदों पर 14 चौकों की मदद से 136 रन की मैच जिताऊ पारी खेली। इस पारी के लिए मार्करम को प्लेयर ऑफ द मैच के अवॉर्ड से नवाजा गया। आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप ट्रॉफी जीतने के बाद साउथ अफ्रीका की टीम के साथ पूर्व अफ्रीकी खिलाड़ी और मैदान में मौजूद हर दर्शक आंखों में खुशी के आंसू छलक आए। उनकी खुशी देखते ही बन रही थी और ऐसा हो भी क्यों न इस टीम ने 27 साल के नॉकआउट के दंश को जो तोड़ा है। लेकिन जल्द ही साउथ अफ्रीका को ये ट्रॉफी आईसीसी को वापस सौंपनी होगी।
आईसीसी की ट्रॉफी का नियम
दरअसल, आईसीसी के नियमानुसार, आईसीसी इवेंट के कोई फाइनल मुकाबले के बाद जो ट्रॉफी विजेता टीम को दी जाती है, उसे वह देश कुछ समय के लिए ही अपने पास रख सकता है। उसके बाद उसे वह ट्रॉफी वापस आईसीसी को सौंपनी होती है। फिर जब उस ट्रॉफी से संबंधित अगला टूर्नामेंट होगा तो उसी ट्रॉफी को नए विजेता को दिया जाएगा। इसी तरह से ये क्रम चलता रहता है। विजेता टीम को मिलती है ये ट्रॉफी
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप हो या वनडे वर्ल्डकप या फिर टी20 वर्ल्ड कप समेत कोई भी आईसीसी ट्रॉफी विजेता टीम को कुछ दिन बाद इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल को सौंपनी ही पड़ती है। अब सवाल उठता है कि फिर विजेता देशों को क्या मिलता है? यहां बता दें कि आईसीसी हर नए टूर्नामेंट से पहले उसकी ओरिजनल जैसी दिखने वाली एक ट्रॉफी बनवाती है, जिसे बाद में विजेता टीम को सौंप दिया जाता है, ताकि वह उस गौरव के पल को अपने खेल प्रेमियों से साझा कर सके।
द्विपक्षीय सीरीज में मिलती ओरिजनल ट्रॉफी
वहीं, द्विपक्षीय (बायलेटरल) सीरीज के लिए आईसीसी का ये नियम लागू नहीं होता है। द्विपक्षीय सीरीज या त्रिकोणीय सीरीज की विजेता टीमों को ओरिजनल ट्रॉफी ही मिलती है और वह टीम उसे अपने पास रख सकती है।