ये है नियम
दरअसल, नियमानुसार एलईडी स्टंप्स होने पर अंपायर्स को ये देखना होता है कि रन आउट के दौरान लाइट कब जली, लेकिन थर्ड अंपायर गायत्री ये देख रही थीं कि दोनों बेल्स कब निकले। उन्हें ये कन्फ्यूजन एक नहीं, बल्कि तीन बार हुआ। ईएसपीएनक्रिकइन्फो की मानें तो थर्ड अंपायर की गलती को उस क्षण को नजरअंदाज कर दिया, जब एलईडी स्टंप्स पहली बार जले थे।
मिताली राज बोलीं- दो फैसले मुंबई इंडियंस के पक्ष में जाने चाहिए थे
पूर्व भारतीय कप्तान मिताली राज ने कहा कि दो फैसले मुंबई इंडियंस के पक्ष में जाने चाहिए थे। मिताली राज जियोहॉटस्टार पर मैच के बाद कहा कि पांडे को नॉटआउट दे दिया, जबकि उनका बल्ला लाइन पर था। वहीं, राधा यादव के मामले में हम बल्ले के ब्लेड को ऊपर देख सकते हैं कि वह क्रीज के अंदर जमीन को नहीं छू रहा है, जब एलईडी स्टंप जलते हैं। इससे साफ होता है कि वे आउट हैं। बल्ला क्रीज में नहीं था। हरमनप्रीत कौर नाखुश
पहला विवादास्पद निर्णय शिखा पांडे से जुड़ा है, जिन्होंने लक्ष्य का पीछा करते हुए 18वें ओवर में पहली गेंद का सामना किया। वह बाई का रन लेना चाहती थीं, लेकिन सीधा थ्रो आया, जिस पर रिव्यू हुआ। रिप्ले में साफ नजर आया कि जब एलईडी स्टंप पहली बार रोशन हुए तब पांडे का बल्ला क्रीज की लाइन पर था। हालांकि थर्ड अंपायर ने बाद के फ्रेम पर फैसला लिया, जहां बेल पूरी तरह से उखड़ गई थीं और पांडे का बल्ला क्रीज के अंदर था, उन्हें नॉट-आउट दिया गया। इससे मुंबई की कप्तान हरमनप्रीत कौर नाखुश नजर आईं।
आखिरी निर्णय पर भी हुआ विवाद
अरुंधति रेड्डी आखिरी गेंद खेलने के लिए क्रीज पर आईं। रेड्डी ने गेंद को कवर के ऊपर से उछाला और दूसरे रन के लिए दौड़ गईं। हरमनप्रीत ने भाटिया की ओर तेज थ्रो फेंका। भाटिया ने स्टंप्स बिखेरे तो कॉल थर्ड अंपायर को रेफर की दी गई। रेड्डी ने डाइव लगाई, लेकिन शुरुआती फ्रेम में रेड्डी का बल्ला क्रीज में नहीं, बल्कि लाइन के ऊपर था और एलईडी स्टंप जल चुके थे, लेकिन थर्ड अंपायर ने बाद के फ्रेम पर भरोसा जताया, जब बेल्स निकलने से पहले बल्ला क्रीज में था।