युवती द्वारा इन्वेस्ट किए गए 42 लाख रुपए में से छह लाख रुपए ही रिकवर हो पाए हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक युवती के पिता ने एक मकान बेचा था। उसी राशि को युवती ने फर्जी ग्रुप के माध्यम से शेयर में लगा दिया।
साइबर जांच में सामने आया है कि फर्जी ग्रुप चलाने वाले ठग यूपी के हैं। साइबर सेल की मदद से आरोपियों तक पुलिस पहुंचने का प्रयास कर रही है। वहीं, ट्रांजेक्शन किस खाते में हुआ है। उसके बारे मे पड़ताल जारी है। खाते की डिटेल के आधार पर आरोपी यूपी के बताए जा रहे हैं। – परिजनों ने 42 लाख रुपए की ठगी के संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी । मामले में एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। छह लाख रुपए रिकवर हो गए हैं ।
श्रृतकीर्ति सोमवंशी, एसपी दमोह