पोस्टमार्टम के बाद नम्रता का पार्थिव शरीर उपजेल ले जाया गया। जहां जेल स्टाफ ने उन्हें सलामी दी। एसडीएम राकेश मरकाम और तहसीलदार प्रवीण त्रिपाठी ने पुष्प अर्पित कर दिवंगत प्रहरी को श्रद्धांजलि दी।
मासूम बेटे को नहीं जानकारी नम्रता तिवारी वर्ष 2017 से हटा उपजेल में पदस्थ थीं। पति के निधन के बाद वे अनुकंपा नियुक्ति के तहत प्रहरी के रूप में सेवाएं दे रही थीं। उनका सात वर्षीय बेटा है, जो इस पूरे घटनाक्रम से अनजान है और बार-बार मां के बारे में पूछ रहा था। चूंकि ससुराल में उनके सास-ससुर नहीं हैं, इसलिए वे अपने मायके दमोह में रहती थीं। अब उनकी मौत के बाद उनके बेटे की जिम्मेदारी उनकी मां पर आ गई है, जो इस गहरे आघात से स्तब्ध हैं।
जेल प्रशासन ने जताया शोक जेलर नागेंद्र चौधरी ने कहा कि महिला प्रहरी नम्रता तिवारी की करंट लगने से दुखद मौत हो गई है। जैसे ही घटना की जानकारी मिली, उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें बचा नहीं सके। इस हादसे से जेल प्रशासन और उनके सहयोगियों में शोक का माहौल है।