खासबात यह है कि सबसे ज्यादा 1318 घायल सिर्फ दमोह ब्लॉक के हैं। यानी दमोह ब्लॉक में हादसे सबसे ज्यादा घटित हुए हैं। इसके बाद हटा, पटेरा ब्लॉक में 600 से अधिक घायलों को इसी सेवा के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया है। समय पर इलाज मिलने से घायलों की जान बच पाई है।
-मवेशी और रफ्तार बन रही हादसों की वजह
जिले में सड़क हादसों के बढऩे का मुख्य कारण तेज रफ्तार वाहन चलाना है। इसके अलावा सड़कों पर घूमते आवारा जानवरों की वजह से भी हादसे हो रहे हैं। मवेशी को बचाने और तेज रफ्तार के चलते सड़क हादसे होने के मामले बढ़ रहे हैं। इन पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। इधर, हेड इंज्युअरी वाले मामलों में अधिकांश घायलों की मौत होना पाई गई है।
-दो साल में 4 हजार घायलों को पहुंचाया अस्पताल जिले में 20 एम्बुलेंस संचालित हैं। दावा किया गया है कि इनके जरिए बीते दो साल में लगभग 4000 घायलों को अस्पताल लगाया गया है। कई मामलों में समय पर अस्पताल लाने से घायलों की जान बचना बताई गई है। हालांकि इस सुविधा से हादसे का शिकार हो रहे लोगों को बढ़ी राहत है।
-तीन ब्लॉकों में हादसे रोकने के उपाय जरूरी
108 एम्बुलेंस संचालित करने वाली कंपनी के आंकड़ों को सही माने तो जिले के दमोह, हटा और पटेरा यह ऐसे ब्लॉक हैं, जहां 2023 व 2024 में सबसे अधिक सड़क हादसे हुए हैं। प्रशासन को चाहिए कि इन ब्लॉकों के स्पॉट्स को चिंहित करें और उन्हें ब्लैक स्पॉट घोषित करें। ताकि हादसों से लोगों को बचाया जा सके।