सोमवार तड़के से ही लंबी कतारें लग गईं और सुबह के समय ही 20 हजार से अधिक भक्तों ने भगवान जागेश्वरनाथ के दर्शन किए। दिन चढ़ते ही भीड़ बढ़ती गई और दोपहर से शाम तक मंदिर परिसर खचाखच भरा रहा। मंदिर प्रबंधन के अनुसार इस बार बसंत पंचमी पर उमड़ी भीड़ इतिहास में पहली बार देखी गई। वहीं भीड़ के अचानक बेकाबू होने की वजह से चार महिलाएं दब गईं, जिनकी हालत बिगडऩे पर पुलिस ने जिला अस्पताल भिजवाया।
बांदकपुर में उमड़ी भीड़ का एक बड़ा कारण महाकुंभ भी रहा। महाकुंभ से लौटने वाले कई श्रद्धालु सीधे बांदकपुर पहुंचे और भगवान भोलेनाथ को गंगा जल अर्पित किया। इसके अलावा कांवर यात्रियों की संख्या भी इस बार अधिक रही। जिससे मंदिर में भक्तों की भीड़ रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई।
जागेश्वरनाथ धाम में दर्शन करने से शिव कृपा प्राप्त होती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, इस धार्मिक आस्था के चलते हर साल लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं। इस बार भक्तों की इतनी ज्यादा भीड़-उमड़ी कि हर श्रद्धालु को महज चंद सेकंड ही दर्शन के लिए मिल पाए। कतार में लगे भक्त बारी-बारी से दर्शन कर आगे बढ़ते गए।
चार महिलाओं की बिगड़ी तबीयत भक्तों की भारी भीड़ के कारण मंदिर परिसर में धक्का-मुक्की की स्थिति बनी। जिससे चार महिलाओं की तबीयत बिगड़ गई। इनमें सलैया गांव निवासी राधा बाई, मुहली गांव निवासी गुड्डी बाई, तुलसा बाई, केरा बाई शामिल हैं। इधर, घटना के दौरान मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों टीआई अमित मिश्रा, रोहित द्विवेदी और राजीव पुरोहित ने तत्काल व्यवस्था संभाली और महिलाओं को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा। इलाज के बाद उनकी सेहत में सुधार हुआ।
अव्यवस्थाएं बनी परेशानी बांदकपुर में पहुंचने वाले हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रण में रखे जाने के लिए प्रशासनिक व्यवस्था कमजोर देखी गई। अव्यवस्था की वजह से सुबह मंदिर में अफरा तफरी का माहौल बना। हालांकि चौकी पुलिस का बल मौके पर ड्यूटी करता नजर आया। लेकिन पर्याप्त कर्मी न होना भी अव्यवस्था की वजह बना। इसके अलावा जिला प्रशासन ने यहां पहुंचने वाले वाहनों और लोगों की भीड़ को अलग अलग रास्तों से आने जाने की व्यवस्था तैयार नहीं की। लेकिन जब महिलाओं के भीड़ में दबने की खबर जब सामने आई, तो जिला व पुलिस प्रशासन के आलाधिकारी मौके पर पहुंच गए थे।