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दमोह

जिले के आधा दर्जन स्थलों पर मकर संक्रांति को पहुंचते हैं हजारों लोग

दमोह. मकर संक्रांति के अवसर पर जिले में आयोजित होने वाले मेलों की तैयारियां जोरों से शुरू हो गई हैं। यह परंपरा दशकों से चली आ रही है, जो न सिर्फ जिलेवासियों बल्कि आसपास के क्षेत्रों के लोगों के लिए भी विशेष आकर्षण का केंद्र रहती है। जिले के विभिन्न स्थानों पर लगने वाले ये मेले धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व रखते हैं। इन मेलों का आयोजन ज्यादातर पुराने धार्मिक स्थलों के पास किया जाता है।

दमोहJan 08, 2025 / 02:09 am

हामिद खान

जिले के आधा दर्जन स्थलों पर मकर संक्रांति को पहुंचते हैं हजारों लोग

जिले के आधा दर्जन स्थलों पर मकर संक्रांति को पहुंचते हैं हजारों लोग

-मेलों के आयोजन को लेकर जिले भर में तैयारियां शुरू

दमोह. मकर संक्रांति के अवसर पर जिले में आयोजित होने वाले मेलों की तैयारियां जोरों से शुरू हो गई हैं। यह परंपरा दशकों से चली आ रही है, जो न सिर्फ जिलेवासियों बल्कि आसपास के क्षेत्रों के लोगों के लिए भी विशेष आकर्षण का केंद्र रहती है। जिले के विभिन्न स्थानों पर लगने वाले ये मेले धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व रखते हैं। इन मेलों का आयोजन ज्यादातर पुराने धार्मिक स्थलों के पास किया जाता है। जहां श्रद्धालु पूजा अर्चना कर अपनी मनोकामनाएं मांगते हैं। इनमें प्रमुख रूप से दमोह, नरसिंहगढ़, बांदकपुर, बटियागढ़, जबेरा तहसील व हटा तहसील क्षेत्र में मेलों का आयोजन होता है। मेले में विभिन्न सांस्कृतिक और मनोरंजन के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। झूले, खिलौनों की दुकानें, खाने पीने के स्टॉल और कारीगरों के हस्तशिल्प मेले का मुख्य आकर्षण होते हैं।
धार्मिक दृष्टिकोण से लोग स्नान, दान और पूजा पाठ में विशेष रुचि लेते हैं। संक्रांति के मेलों में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। यह अवसर मनोरंजन का माध्यम ही नहीं बल्कि आपसी मेलजोल और संस्कृति को संजोने का भी जरिया है। प्रशासन और स्थानीय समितियां मेले की व्यवस्थाओं को लेकर सक्रिय हो चुकी हैं। सुरक्षा, साफ सफाई और अन्य सुविधाओं का खास ख्याल रखा जा रहा है। इन मेलों को लेकर लोगों में भारी उत्साह है। दशकों से चली आ रही इस परंपरा को लेकर हर वर्ग में खासा जुनून देखा जा रहा है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर कोई इन मेलों में जाने के लिए उत्सुक है।
जिले के कुछ प्रसिद्ध मेले
1- जटाशंकर धाम
मकर संक्रांति पर्व पर शहर के जटाशंकर धाम में तीन दिवसीय मेला आयोजित होगा। इसके लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। यहां दशकों से मेले का आयोजन होता आ रहा है।
2 – मड़कोलेश्वर
यह मंदिर सीतानगर गांव में सुनार नदी किनारे स्थित है। यहां भव्य मड़कोलेश्वर धाम में भी मकर संक्रांति पर मेला आयोजित होगा, जो श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनेगा।
3- खर्रा घटा
खर्रा घटा का मंदिर दमोह जिले के प्राचीन मंदिरों में से एक है, जहां भगवान स्वयंभू 11वीं शताब्दी से विराजमान हैं। मकर संक्रांति पर यहां विशाल मेला आयोजित होता है।
4 – गौमुखधाम
हटा तहसील के मडिय़ादो से तीन किमी दूरी पर पश्चिम दिशा में स्थित जंगली कुंड के गौमुखधाम में बजरंगबली का मंदिर आस्था का केन्द्र है। मकर संक्रांति पर यहां सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचते हैं।
5- चकैरी घाट
पथरिया तहसील के चकैरी घाट पर भी बृहद मेले का आयोजन किया जाता है। इसे लेकर भी तैयारियां की जा रहीं हैं।
6- खिरिया मड़ला
जिला मुख्यालय के समीप खिरिया मड़ला गांव में भी मेले का आयोजन होता है। यहां पर भी मेले को लेकर तैयारियां की जा रहीं हैं। बताया गया है कि इस बार लोगों को पहुंच मार्ग में सुगमता भी होगी।

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