उधर कलेक्टर ने शिक्षा विभाग और जिला शिक्षा केंद्र के अधिकारियों को जर्जर स्कूल भवनों की मरमत करने के निर्देश दिए हैं। अभी हाल में 212 जर्जर स्कूल भवनों की मरम्त होनी है। वहीं दूसरी ओर सरकार से 56 स्कूल भवनों की मरम्त के लिए राशि खाते में डाली गई है। इन स्कूल भवनों की मरम्त सात दिन के भीतर करने के निर्देश दिए गए हैं।
212 स्कूल भवन जर्जर
कलेक्टर स्वप्निल वानखेड़े ने बीते दिनों जिला शिक्षाधिकारी और जिला शिक्षा केंद्र के अधिकारियों को कहा है कि वह जर्जर स्कूल भवनों को सूची बद्ध कर मरम्त कार्य किया जाए। उसके बाद जिला शिक्षा केंद्र के प्रभारी डीपीसी ने इंजीनियरों को जर्जर स्कूल भवनों की सूची भेजने के निर्देश दिए थे। उसके बाद इंजीनियरों ने जिले के स्कूल भवनों की रिपोर्ट सौंपी है। जिसमें सामने आया है कि जिले में 212 स्कूल भवन जर्जर है। लेकिन इन स्कूल भवनों की मरम्त के लिए विभाग के पास पैसा नहीं है। इस वजह से इन स्कूल भवनों के दूसरे मद की राशि से मरमत कराने की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इस संबंध में कलेक्टर स्वप्निल वानखेड़े ने भी निर्देश दिए हैं।
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कलेक्टर स्वप्निल वानखेड़े ने जर्जर स्कूल भवनों की समीक्षा के लिए शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में बैठक बुलाई है। जिसमें शिक्षा विभाग और जिला शिक्षा केंद्र के अधिकारी मीटिंग में मौजूद रहेंगे। इसमें जर्जर स्कूलों की जानकारी इंजीनियर दोनों विभागों के अधिकारी देंगे।
जिले में 212 जर्जर स्कूल भवन है। इनकी मरम्त के लिए राशि अभी स्वीकृत नहीं हुई है। 56 स्कूल भवनों की राशि स्वीकृत हो चुकी है। जिसकी मरमत का कार्य जल्द शुरू हो जाएगा। सात दिन के अंदर रिपोर्ट 56 स्कूल के प्रभारी देंगे।- राजेश शुक्ला, प्रभारी डीपीसी दतिया