राजस्थान में यहां टूटा 40 साल का रिकॉर्ड, 8 घंटे तक हुई बारिश; छलका एनिकट
Rajasthan Monsoon: राजस्थान की राजधानी जयपुर समेत आसपास के कई इलाकों में हुई जोरदार बारिश के बाद ढूंढ नदी में पानी की आवक बढऩे की वजह से समेल गांव के पास मोरेल नदी पर बना एनिकट छलक गया।
मोरेल नदी पर बने एनिकट के गेट से बहता पानी। फोटो: पत्रिका
Dausa Weather Update: दौसा। राजस्थान की राजधानी जयपुर समेत आसपास के कई इलाकों में हुई जोरदार बारिश के बाद ढूंढ नदी में पानी की आवक बढऩे की वजह से शुक्रवार को समेल गांव के पास मोरेल नदी पर बना एनिकट छलक गया। एनिकट पूरा भरने के उसके सभी एक दर्जन गेट भी खोल दिए हैं। जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता चेतराम मीना ने बताया कि बारिश के चलते मोरेल नदी में पानी की आवक बढ़ी है। नियमानुसार मानसून की शुरुआत में ही एनिकट के सभी गेट खोले जाते है, जिसके तहत सभी गेट से पानी की निकासी की जा रही है। नदी में लगातार पानी की आवक बनी है और मोरेल बांध के जल स्तर में भी डेढ फीट की बढ़ोतरी हुई है।
सियाराम चांदा, विष्णु कांकरवाल, बाबूलाल मास्टर समेत अनेक ग्रामीणों ने बताया कि एनिकट पूरा भरने से नदी का पानी अब खेतों में भी भरने लगा है। पानी गुर्जरहेडा गांव की सीमा तथा मुख्य ग्राम समेल तक पहुंच चुका है। जिसकी वजह से समेल गांव को नेशनल हाइवे से जोडऩे वाले रास्ते पर भी पानी भर गया है, जिससे छोटे वाहनों का आवागमन बंद हो गया है।
यहां टूटा 40 साल का रिकॉर्ड
लालसोट क्षेत्र में मानसून ने शानदार अंदाज में दस्तक दी है। लालसोट व रामगढ पचवारा उपखण्ड क्षेत्रों में शुक्रवार को करीब 8 घंटे तक चले लगातार बारिश के दौर के साथ ही मानसून की पहली शुरुआत हुई है। दोनों उपखण्ड क्षेत्रों में बीते करीब 40 सालों में मानसून की शुरुआत पर ही पहले दिन अधिक बारिश होने के सभी रिकार्ड टूट गए।
जोरदार बारिश से खेतों में भर गया पानी
दोनों उपखण्ड में शुक्रवार सुबह करीब सवा चार बजे से बूंदाबांदी का दौर शुरू हो गया, कुछ देर बाद बूंदाबांदी रिमझिम बारिश में बदल गई, सुबह करीब 8 बजे यह रिमझिम बारिश थोड़ी हल्की पड़ी, लेकिन 9 बजे से तेज बारिश का दौर शुरू हो गया, जो कि दोपहर साढे 12 बजे तक जारी रहा। इसके बाद दिन भर मौसम सुहावना बना रहा, लेकिन साढे चार बजे बाद क्षेत्र में दोबारा रिमझिम बारिश का दौर शुरू हो गया। गांवों में हुई जोरदार बारिश से खेतों में पानी भर गया, जिससे किसान काफी खुश नजर आए।
इसी तरह रामगढ़ पचवारा क्षेत्र में मानसून की दस्तक के साथ ही पहली बारिश में ही नदियां उफान पर आ गई। यहां भी अधिकांश गांवों में खेत पानी से लबालब हो गए। बिछ्या नदी एवं मोरेल नदी में पानी की आवक होने से ग्रामीणों के चेहरे खिल उठे। बिछ्या नदी में पानी आने से लालसोट- तूंगा रोड पर बनी रपट पर करीब एक फीट तक पानी दिनभर बहता रहा। इसके चलते छोटे वाहनों व बाइक को गुजरने में बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसी तरह भयपुर रोड पर मालावास गांव के पास बनी रपट पर भी दिनभर एक फीट तक पानी बहता रहा।