जानकारी के अनुसार साल दर साल गिरते भूजल से क्षेत्र बने टयूबवैल नकारा साबित होते जा रहे थे। इससे किसानों को अपनी फसलों की सिंचाई करने के लिए पानी की समस्या का सामना करना पड़ा रहा था। पानी की कमी के चलते कई किसान फसल बुवाई नहीं कर पा रहे थे। किसानों के लिए नासूर बनती पानी की कमी को लेकर छारेड़ा सरपंच पूजा मीना ने सरकार की योजनाओं व निजी कंपनियों की सहायता से 215 किसानों के खेतों पर मई 2024 में फार्म पौण्ड खुदवाए।
इसमें से 155 फार्म पौण्ड कार्य तो पूरा हो गया, लेकिन बारिश आने के चलते करीब 60 फार्म पौण्ड में प्लास्टिक शीट लगाने सहित तारबंदी व अन्य कार्य बाकी रह गया है। किसानों के खेतों पर बने फार्म पौण्ड में अच्छी बारिश होने से लबालब पानी भर गया। इससे किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए भरपूर मात्रा में पानी मिल रहा है। इससे फसलों की उपज में भी बढ़ोतरी हुई।
खाली खेतों को देख ख्याल आया
बारिश की कमी के चलते भूजल स्तर गिरने से खेतों पर बने बोलवेलों में पानी आना बंद हो गया। इससे खेत भी खाली नजर आने लगे। सरपंच ने बताया कि वर्ष 2022 में बारिश के पानी को संचय कर फसलें उगाने का मन में विचार आया। इसके बाद सरकारी व निजी कम्पनियों से बात कर फार्म पौण्ड खुदवाने का काम चालू कराया।
इस तरह जुटाई राशि
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत करीब 90 फीसदी राशि अनुदान में मिलती है तथा दस प्रतिशत अंशदान किसानों को देना होता है। सरपंच ने जयपुर के अग्रवाल ग्रुप से सम्पर्क कर करीब 100 किसानों के फार्मपौण्ड की अंशदान की राशि 10 लाख रुपए की व्यवस्था की। वहीं हीरो मोटोकाॅप ने 62 किसानों के फार्मपौण्ड का पूरा खर्चा करीब 1 करोड 14 लाख की राशि दी। इसके चलते किसानों के फार्म पौण्ड नि:शुल्क बनवाए गए। गांव में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 110, अटल भूजल योजना से 43 और निजी कम्पनी ने 62 फार्म पौण्ड खुदवा दिए।
लोगों को किया जागरूक
खेतों पर फार्म पौण्ड बनावाने के लिए किसानों को जागरूक करने में स्वयंसेवी संस्था की डॉ. नीलम गोयल व आईआईटीयन विप्र गोयल ने रोल निभाया। जागरूकत कार्यक्रमों से किसान पानी बचाने का मोल समझ सके। गोयल ने गांव के समग्र विकास के लिए डीपीआर भी तैयार की थी, जो प्रदेश सरकार के स्तर पर अटक गई। इनका कहना
छारेड़ा सरपंच पूजा मीना का कहना है कि ग्राम पंचायत में 155 किसानों के खेत पर बने फार्म पौण्ड पूरी तरह बनाए जा चुके हैं। 60 किसानों के फार्म पौण्ड में शीट लगाने व तारबंदी का कार्य बचा हुआ है, जिनमें पानी खाली होने के बाद काम पूरा कराया जाएगा।