सीएम कार्यक्रम के चलते रेलवे अधिकारियों को पुलिस बल नहीं मिल पाया इसलिए सिर्फ 18 मकानों को ही ढहाया गया है। तीन दिन बाद शेष बचे अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई होगी। बता दें कि
धमतरी ब्राडगेज निर्माण के लिए शासन से कुल 550 करोड़ की स्वीकृति मिली है। 70 करोड़ की लागत से गुड्स टर्मिनल का निर्माण किया जाएगा। वर्तमान में 400 मीटर प्लेटफार्म वाल और स्टेशन निर्माण का काम पूरा किया जा चुका है।
दिसंबर-2025 तक हर हाल में ब्राडगेज निर्माण काम पूरा करना है इसलिए कार्य में अब तेजी आ गई है। बताया गया कि 50 मीटर जमीन वन विभाग के कब्जे में थी, जिसे भी रेलवे ने अपने कब्जे में बाउंड्रीवाल कर दिया है।
लोगों ने की मांग- पहले व्यवस्थापन, फिर कार्रवाई
वार्डवासियों ने प्रशासन और सरकार से मांग की है कि रेलवे लाइन बिछाने से पहले विस्थापन की बेहतर योजना बनाई जानी चाहिए थी। अधूरी तैयारियों की वजह से अब लोग बिना व्यवस्था के घर खाली कर रहे हैं, जिससे उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
इनके मकानों पर हुई कार्रवाई
रेलवे प्रभावित कोमल निर्मलकर, देवीसिंह, दीपक चौरसिया, प्रमिला बाई, महेन्द्र शर्मा, चिंताराम, मुस्कान पति इंदर बेगानी, भोजू ठाकुर, रूखमणी यादव, ओमप्रभा मानिकपुरी, जावेद खत्री, संतराम साहू, किशन चौरसिया, जीवराखन लाल, विष्णुराम ध्रुव, राजकुमार राजपूत, हिरौंदी बाई आदि को रेलवे प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के लिए 15 दिन पहले नोटिस दिया था। मार्किंग के बाद इनके मकानों को 10 अप्रैल को ढहा दिया गया है। जल्द ही अब गुड्स टर्मिनल सहित अन्य निर्माण कार्य को शुरू किया जाएगा।