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Patrika Mahila Suraksha: महिलाओं पर अत्याचार बढ़े, चुप्पी तोड़ना जरुरी वक्त अब बदल गया है। सेल्फ डिफेंस के लिए कराते-जूड़ों जैसे निशुल्क शिविर लगानी चाहिए। कई
महिलाएं सोशल वर्क के साथ ही सोसायटी में अलग-अलग जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही हैं। कई बार वे छींटाकसी का शिकार हो जाती है। ऐसे मामलों में शिकायत होने पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। कार्यक्रम में सरस्वती साहू, बसंता साहू, रूखमणी साहू, मीना बाई नगारची, विमला बाई गोस्वामी, मोतिन साहू, सीता नगारची समेत जनप्रतिनिधि व महिलाएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
जांच के लिए अलग टीम बने ग्राम लोहरसी की पंच शकुनलता साहू ने कहा कि शासकीय और निजी विभागों में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा के लिए अलग से कानून बनाने की जरूरत है। इस सेक्टर में यदि किसी प्रकार से महिलाएं प्रताड़ित होती है, तो इसकी जांच के लिए विभाग से अलग टीम गठित होनी चाहिए। इससे महिलाएं निसंकोच होकर
शिकायत कर सकती हैं।
तत्काल होनी चाहिए कार्रवाई गृहिणी विजय लक्ष्मी गोस्वामी ने कहा कि सफर के दौरान कई बार महिलाएं छींटकसी या दुर्व्यहार की शिकार हो जाती है। शिकायत पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। सरकार को इसके लिए कड़े कानून का प्रावधान करने की जरूरत है, ताकि अपराधी को सजा मिल सके। सेल्फ डिफेंस के लिए शिविर लगानी चाहिए।
कार्यशाला लगाने की है जरूरत महिला लुकेश्वरी गोस्वामी ने कहा कि शासन-प्रशासन द्वारा समय-समय पर शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यशाला लगाकर महिला संबंधी कानून और उनके अधिकार के संबंध में जानकारी देनी चाहिए। यदि किसी प्रकार की समस्या है, तो वह कहां और किससे शिकायत कर सकती हैं इसकी भी जानकारी देनी चाहिए।