scriptमाघी पूर्णिमा पर अन्नपूर्णा धाम कोदोरास में भव्य मेला का होगा आयोजन, जानिए इस देवभूमि की पौराणिक कथा | Know the mythological story of Annapurna Dham Kodoras | Patrika News
धमतरी

माघी पूर्णिमा पर अन्नपूर्णा धाम कोदोरास में भव्य मेला का होगा आयोजन, जानिए इस देवभूमि की पौराणिक कथा

Dhamtari News: छत्तीसगढ़ के पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक अन्नपूर्णा धाम कोदोरास में प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी माघी पूर्णिमा पर बुधवार को भव्य मेला लगेगा। देवी-देवताओं का दर्शन करने सैकड़ों गांव से लोग पहुचेंगे।

धमतरीFeb 12, 2025 / 02:05 pm

Khyati Parihar

CG News: @ दीपक साहू/ थानेश्वर साहू। छत्तीसगढ़ के पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक अन्नपूर्णा धाम कोदोरास में प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी माघी पूर्णिमा पर बुधवार को भव्य मेला लगेगा। देवी-देवताओं का दर्शन करने सैकड़ों गांव से लोग पहुचेंगे। ब्लॉक मुख्यालय कुरूद से 35 किमी और भखारा से 15 किमी दूर स्थित है। दुर्ग और बालोद जिले को विभाजित करने वाली पवित्र नदी खारुन के तट पर बसे सिलौटी गांव में अन्नपूर्णा कोदोरास धाम है। जहां सन्-1993 से श्रद्धालुओं और ग्रामीणों के परस्पर सहयोग से माघी पूर्णिमा पर भव्यता के साथ मेला लगता है।
बताया जाता है कि वर्षो पहले यहां अकाल पड़ा। जब लोग भूख और गरीबी का दंश झेल रहे थे तब एक दिन गांव के ही एक किसान को माता अन्नपूर्णा ने दर्शन दिया और उन्हें सुखी और समृद्ध होने का आशीर्वाद के रूप अन्न का बीज दिया। माता के दर्शन देने के बाद इस गांव में अच्छी बारिश हुई। किसान ने परिवार साथ मिलकर खेती की और माता द्वारा आशीर्वाद में मिले बीज को बोया। इसे कोदो अनाज के रूप में पहचाना जाता है। कटाई के बाद किसान ने जिस कोदो फसल का भंडारण किया उसे रास कहा जाता है।
कोदोरास को देखकर वह बहुत खुश हुआ और नापने के लिए एक लकड़ी का काठा लिया। इसी दौरान एक आश्चर्यजनक घटना हुई। किसान जब कोदो को काठा से नापने लगा तो फसल खत्म ही नहीं हुआ। किसान गुस्से से कोदो को वहीं खलिहान में छोड़कर काठा को लात मारकर चला गया। अगले दिन कोदो अनाज का ढेर उसी स्थान पर पत्थर बन गया और लात मारने से काठा भी वहां से लगभग 500 मीटर दूर छिटक कर पत्थर बन गया था। तब किसानों को मां अन्नपूर्णा की महिमा का पता चला।
यह भी पढ़ें

Rajim Kumbh Kalp Mela 2025: आज से लगेगा राजिम कुंभ कल्प मेला, देशभर के साधु-संत होंगे शामिल, देखें यातायात व्यवस्था

बाबा गोरखनाथ के प्रयास से बना मंदिर

सन्-1990-91 में गोरखपुर से ब्रम्हचारी बाबा गोरखनाथ कोदोरास की पूजा कर यहीं निवास करने लगे और उन्होंने आसपास गांव से भिक्षा प्राप्त कर श्रीहरि विष्णु और मां अन्नपूर्णा, लक्ष्मी माता का मंदिर निर्माण कराया। तब से प्रतिवर्ष यहां माघी पूर्णिमा पर मेला लगने लगा। इस दिन लोग अलसुबह उठकर खारून नदी के जल से स्नान कर भगवान के दर्शन करते हैं।
मनोकामना ज्योत जलाते हैं। धीरे से यहां महाप्रभु जगन्नाथ, हनुमान, शनिदेव, माता शीतला, कर्मा माता, भगवान श्रीकृष्ण, श्रीराम, बूढ़ा देव और दुर्गा माता की मंदिर का निर्माण विभिन्न समाजों व दानदाताओं के सहयोग से हुआ। इस वर्ष भी मंदिर की विशेष सफाई व्यवस्था के साथ ही उसे आकर्षक ढंग से सजाया गया है। बाहर से आए दुकानदारों ने अपने प्रतिष्ठान सजा लिए हैं। इसमें दुकानों के साथ मनोरंजन भी आकर्षण का केंद्र होता है। बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार के झूले लगाए गए हैं। रात्रिकालीन कार्यक्रम के तहत सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति होगी। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट है।

Hindi News / Dhamtari / माघी पूर्णिमा पर अन्नपूर्णा धाम कोदोरास में भव्य मेला का होगा आयोजन, जानिए इस देवभूमि की पौराणिक कथा

ट्रेंडिंग वीडियो