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Pradosh Vrat 2025: शनि प्रदोष व्रत पर बन रहा शुभ योग, जानें पूजा का उत्तम समय

Pradosh Vrat 2025: इस बार शनि प्रदोष व्रत पर विशेष शुभ योग बन रहा है। इस दिन व्रत करने वालों का भगवान शिव और शनिदेव दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होगा। साथ ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।

जयपुरJan 09, 2025 / 09:26 am

Sachin Kumar

Pradosh Vrat 2025
Pradosh Vrat 2025: भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यही कारण है कि हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है। ह व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस बार यह 11 जनवरी 2025 को रखा जाएगा। लेकिन इस बार प्रदोष व्रत के दिन हिंदू पंचांग के अनुसार शुभ योग भी बन रहा है, जो पूजा-पाठ और व्रत के फल को और भी प्रभावी बनाएगा। आइए जानते हैं।

व्रत की तिथि और शुभ योग (Fast date and auspicious yoga)

प्रदोष व्रत त्रियोदशी तिथि यानि 11 जनवरी 2025 दिन शनिवार को रखा जाएगा। यही वजह है कि इसे शनि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जा रहा है।
इस बार शनि प्रदोष व्रत के शुभ अवसर पर सर्वार्थ सिद्ध योग और अमृत सिद्ध योग बन रहा है। इसका समय सुबह 7 बजकर 15 मिनट से दोपहर के 12 बजक 29 मिनट तक रहेगा।

पूजा का शुभ मुहूर्त (auspicious time of puja)

त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 11 जनवरी को सुबह 08:21 बजे होगा। वहीं अगले दिन 12 जनवरी 2025 को सुबह 06:33 बजे समाप्त होगी। और प्रदोष काल शाम 05:49 बजे से रात 08:18 बजे तक होगा। इस दौरान भगवान शिव और शनिदेव की पूजा करना पुण्यफल प्रदान करेगा।

शनि प्रदोष व्रत का महत्व (Importance of Shani Pradosh fast)

शनि प्रदोष व्रत शनिदेव और भगवान शिव के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए उत्तम माना जाता है। यह व्रत उन लोगों के लिए विशेष फलदायी है जो शनि दोष, साढ़े साती या ढैय्या के प्रभाव से पीड़ित हैं। इस व्रत को रखने से न केवल शनिदेव के प्रकोप से मुक्ति मिलती है, बल्कि सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति भी होती है।

शनि प्रदोष व्रत की पूजा विधि (Worship method of Shani Pradosh fast)

प्रातःकाल उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
दिनभर निराहार रहें या फलाहार ग्रहण करें।
प्रदोष काल में भगवान शिव और शनिदेव का ध्यान करें।
भगवान शिव का अभिषेक दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से करें।
शनिदेव को सरसों का तेल, काले तिल, और काले वस्त्र अर्पित करें।
शिव मंत्र “ॐ नमः शिवाय” और शनि मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करें।
कथा सुनें और आरती करें।

शुभ योग का महत्व (Importance of auspicious yoga)

2025 के शनि प्रदोष व्रत पर बनने वाला शुभ योग इसे और अधिक महत्वपूर्ण बना रहा है। इस दिन पूजा करने से दोगुना फल प्राप्त होता है। यह योग सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।

दो देवों का मिलेगा आशीर्वाद (You will get blessings from two gods)

शनि प्रदोष व्रत 2025 में भगवान शिव और शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए एक अद्भुत अवसर है। सही विधि और श्रद्धा से पूजा करने पर यह व्रत जीवन के सभी संकटों को दूर कर सुख-समृद्धि लाता है। इसलिए इस दिन व्रत और पूजा अवश्य करें।
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