व्रत की तिथि और शुभ योग (Fast date and auspicious yoga)
प्रदोष व्रत त्रियोदशी तिथि यानि 11 जनवरी 2025 दिन शनिवार को रखा जाएगा। यही वजह है कि इसे शनि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जा रहा है।पूजा का शुभ मुहूर्त (auspicious time of puja)
त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 11 जनवरी को सुबह 08:21 बजे होगा। वहीं अगले दिन 12 जनवरी 2025 को सुबह 06:33 बजे समाप्त होगी। और प्रदोष काल शाम 05:49 बजे से रात 08:18 बजे तक होगा। इस दौरान भगवान शिव और शनिदेव की पूजा करना पुण्यफल प्रदान करेगा।शनि प्रदोष व्रत का महत्व (Importance of Shani Pradosh fast)
शनि प्रदोष व्रत शनिदेव और भगवान शिव के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए उत्तम माना जाता है। यह व्रत उन लोगों के लिए विशेष फलदायी है जो शनि दोष, साढ़े साती या ढैय्या के प्रभाव से पीड़ित हैं। इस व्रत को रखने से न केवल शनिदेव के प्रकोप से मुक्ति मिलती है, बल्कि सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति भी होती है।शनि प्रदोष व्रत की पूजा विधि (Worship method of Shani Pradosh fast)
प्रातःकाल उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।दिनभर निराहार रहें या फलाहार ग्रहण करें।
प्रदोष काल में भगवान शिव और शनिदेव का ध्यान करें।
भगवान शिव का अभिषेक दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से करें।
शनिदेव को सरसों का तेल, काले तिल, और काले वस्त्र अर्पित करें।
शिव मंत्र “ॐ नमः शिवाय” और शनि मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करें।
कथा सुनें और आरती करें।