राम को दिल दे बैठी शूर्पणखा
रामायणकाल के अनुसार राक्षसी शूर्पणखा का सबसे प्रमुख प्रसंग तब आता है जब वे राम और लक्ष्मण से पंचवटी में मिलने गई थी। राम के तेजस्वी स्वरूप को देखकर शूर्पणखा उनको दिल दे बैठी और विवाह का प्रस्ताव रखती है। जब भगवान राम ने इंकार कर दिया तो वह लक्ष्मण को विवाह के लिए प्रस्ताव देती है। लक्ष्मण उनके प्रस्ताव को ठुकराकर उनका अपमान करते हैं। इसके बाद शूर्पणखा अपने को अपमानित सझती है और क्रोध में असली स्वरूप प्रकट करती है। जिसके चलते लक्ष्मण उनकी नाक और कान काट देते हैं।
सीता हरण की योजना
धार्मिक कथाओं के अनुसार माना जाता है कि यह घटना भगवान राम और लक्ष्मण के जीवन में खराब मोड़ लाती है। क्योंकि शूर्पणखा अपने अपमान का बदला लेने के लिए अपने भाई रावण के पास पहुंचती है। रावण अपनी बहन की हालत देखकर क्रोधित हो जाता है। इसके बाद वह अपने भाई के साथ मिलकर सीता हरण की योजना बनाती है। इस घटना ने रावण और राम के बीच महायुद्ध का मार्ग प्रशस्त कर दिया था।
रोचक बातें
शूर्पणखा विदुषी थीं- वह सिर्फ एक राक्षसी नहीं, बल्कि बुद्धिमान और योजनाबद्ध कार्य करने वाली महिला थीं। रूप बदलने की कला- शूर्पणखा मायावी राक्षसी थी और रूप बदलने की कला में निपुण थी। राम और रावण के बीच जंग- शूर्पणखा की शिकायत पर ही रावण ने सीता का अपहरण किया था। जिससे राम और रावण के बीच महायुद्ध हुआ था। लंका का सर्वनाश– कुछ कथाओं के अनुसार लंका का सर्वनाश का कारण स्वयं शूर्पणखा को भी ठहराया जाता है।
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