वहीं, खनिज अधिकारियों की जानकारी में रहेगा कि खनिज किसी लीज एरिया से भरा गया है या नहीं। वाहन की लोकेशन के बिना रवन्ना जारी नहीं होगा। आरएफआइडी से कांटे पर गाड़ी नंबर ट्रेस हो जाएंगे। इसके अलावा किस रूट से खनिज ले जाया जा रहा है यह देखा जा सकेगा। खनिज परिवहन रजिस्टर्ड वाहनों से ही किया जा सकेगा। इसके लिए कंट्रोल रूम स्थापित होंगे।
बिना ई-वे बिल खनिज का परिवहन, अवैध खनन मिला बढ़ावा
सरकार ने खनिज परिवहन के लिए ट्रांजिट पास (टीपी) को बंद कर ई-वे बिल लागू कर दिया है। सरकार के ई-वे बिल की नई व्यवस्था लागू करने के बाद अवैध खनन और ओवरलोडिंग को जमकर बढ़ावा मिलने लगा है। खनिज माफियाओं के सक्रिय होने के कारण बिना ई-वे बिल धड़ल्ले से खनिज का परिवहन किया जा रहा है। वहीं वाहन व खनिज से संबंधित डाटा से विभाग अछूता है, जबकि पूर्व में टीपी कंफर्म होने पर गाडी फोटो, वाहन में भरा खनिज और उसका भार, कांटे का नाम सहित पूरा डाटा विभाग को पोर्टल पर मिल जाता था लेकिन ई-वे बिल में यह व्यवस्था नहीं होने के कारण डीलर, वाहन मालिक इसका जमकर फायदा उठाने में लगे हैं जिससे अब रॉयल्टी चोरी को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। धर्मकांटा पर वाहन में भरे खनिज की वैध स्थिति स्पष्ट होने पर ही वाहन का रवन्ना कन्फर्म हो सकेगा। धर्मकांटा व खनिज परिवहन करने वाले वाहनों को मिनरल ट्रेकिंग सिस्टम सॉटवेयर से जोड़ा जाएगा। जिससे वाहन में खनिज भरने से लेकर गंतव्य तक पहुंचने तक की पूरी अवधि व मार्ग की ऑनलाइन निगरानी होगी।
सरकार ने खनिज का अवैध परिवहन रोकने के लिए वाहनों पर जीपीएस सिस्टम एवं टैग लगाने के निर्देश दिए हैं। इस व्यवस्था से खनिज का अवैध परिवहन करने वाले वाहन शीघ्रता से पकड़ में आएंगे। संबंधित लीज से ही ई-रवन्ना कटेगा, 1 जुलाई से नई व्यवस्था प्रभावी हो जाएगी।- पुष्पेन्द्र मीणा, खनिज अभियंता, धौलपुर
वाहनों का डेटा रहेगा उपलब्ध
जानकारी के अनुसार धर्मकांटा को भी खान विभाग के ई-रवन्ना पोर्टल से जोड़ा जाएगा। इससे विभाग के पास सभी वाहनों का डेटा उपलब्ध रहेगा। बिना वैध ई-रवन्ना और तय मार्ग से अन्यत्र मार्ग पर चलने वाले वाहनों को अवैध माना जाएगा। जिन वाहनों में जीपीएस नहीं लगा होगा और आगे-पीछे स्पष्ट नंबर नहीं होंगे। उन्हें खनिज देने वाले स्टोन के्रशर, स्क्रीनिंग प्लांट, रिटेल भंडारकर्ता व अनुज्ञाधारक के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।