कई देशों की महिलाएं देखने पहुंची मॉडल हाल में अफ्रीका समेत करीब कई देशों की महिलाएं राजीविका मॉडल को देखने के लिए धौलपुर पहुंची। 15 सदस्यीय मॉडल में जर्मनी, फ्रांस, कनाडा, माली, सेनेगल आदि देशों की महिलाएं शामिल थी। इन्होंने जिले में इस मॉडल पर कार्य रही मंजरी फाउण्डेशन के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की। यहां बाड़ी उपखण्ड के बिजौली में अपनी सहेली प्रोडूसर कंपनी लिमिटेड की विजिट कर कंपनी के प्रतिनिधियों से भी वार्ता की। यहां उन्होंने महिला समूहों की ओर से प्रोडक्ट बनाने से लेकर बाजार तक पहुंचाने की प्रक्रिया को समझा।
सिखाए गुर, अब कर रही करोड़ों की बचत धौलपुर की राजीविका मॉडल से जुड़ी कुछ महिलाओं ने पूर्व में अफ्रीकी देश माली और सेनेगल का भ्रमण किया। इन्होंने यहां स्थानीय महिलाओं को स्वयं सहायता समूह का निर्माण और किस तरह कार्य करता इसके बारे में बताया। साथ ही ग्राम संगठन और फेडरेशन बनाने, संचालित करने की पद्धति एवं विभिन्न प्रकार के उत्पादों के निर्माण का प्रशिक्षण दिया। वहीं, बैंकों से ऋण की प्रक्रिया समझाई। आज इन देशों की महिलाएं वर्षभर में करीब 17 करोड़ रुपए की बचत कर रही हैं।
सिखाते हैं उत्पाद बनाना और बेचना राजीविका मॉडल धौलपुर समेत प्रदेश अन्य जिलों में भी कार्य कर रहा है। लेकिन धौलपुर में महिलाओं के अच्छी रूचि लेने से यहां पर सैकड़ों समूह अपने स्तर पर छोटे-छोटे उत्पाद बनाकर बाजार में बिक्री अपने परिवार की आजीविका चला रही हैं। ये महिलाएं आचार, पनीर, मसाले, शहद, पापड़, दुग्ध उत्पाद समेत अन्य छोटे कार्य समूह के स्तर पर करती हैं। फिर ये उत्पाद की अच्छी पैकिजिंग कर उसे बाजार में सप्लाई करती हैं।
जिले में जुड़ी है 75 हजार महिलाएंराजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) के तहत जिले में करीब साढ़े 7 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूह कार्य कर रहे हैं। इनमें करीब 80 हजार ग्रामीण महिलाएं सीधे तौर पर जुड़ी हैं। राजीविका में 60 फीसदी बजट केन्द्र और 40 फीसदी राशि राज्य सरकार देती है।
विदेशों की आए दलों को संस्था के कार्योंं, आजीविका संवर्धन से जुड़े नवाचारों, कृषि एवं अन्य कार्यों की जानकारी दी। अपने देशो में ये मॉडल कैसे लागू हो सकता है। इसी का अध्ययन किया। साथ ही इन्हें कामकाज का प्रशिक्षण भी दिया गया। अब वह इनसे ठीक-ठाक आमदनी कर रही हैं।
– भूपेश गर्ग, कार्यवाहक डीपीएम, राजीविका धौलपुर