विवाह के दौरान उसकी पत्नी ने एक बच्ची को जन्म दिया है। इसके बाद दोनों पति-पत्नी में अनबन होने पर छह वर्ष पहले तलाक हो गया। इस पर चिराग अकेला हो गया। इस दौरान उसकी मुलाकात सलामपुरा निवासी भंवरलाल पाटीदार से हुई। उसने चिराग की शादी के लिए लड़की की जानकारी दी। इसके बाद सात जनवरी 2024 को भवंरलाल लडक़ी दिखाने चिराग व अन्य साथियों को मध्यप्रदेश ले गया। मध्यप्रदेश में संजय सिंह नामक दलाल से मुलाकात की और वह सभी को खरगोन गांव लेकर आया।
ऐसे हुई मुलाकात
यहां पर चिराग को शादी के लिए माया नाम की लड़की से मुलाकात करवाई। इस दौरान माया के अन्य रिश्तेदार भी मौजूद थे। दोनों के परिजनों की शादी में सहमति बनने के बाद उसी दिन दोनों की सगाई करवा दी और 20 जनवरी 2024 को शादी का मुर्हूत निकाला गया। शादी की तय तारिख के अनुसार प्रार्थी बारात लेकर खरगोन गांव गया। यहां पर पड़ोसी गांव स्थित मंदिर में माया व चिराग का विवाह करवाया गया।
शादी में दिए सोने-चांदी के आभूषण
विवाह के दौरान चिराग ने माया को सोने व चांदी के आभूषण दिए थे। शादी के बाद बारात लेकर चिराग घर आ गया। इसके बाद 24 जनवरी 2024 को प्रार्थी डूंगरपुर आया था और माता-पिता खेत पर गए थे। पीछे घर पर माया अकेली थी। प्रार्थी घर गया, तो माया घर से गायब थी। चिराग ने पत्नी की काफी तलाश की। पर, उसका कोई पता नहीं चला। माया का मोबाइल भी बंद था।
पीड़ित पहुंचा थाने
प्रार्थी के घर की अलमारी से माया को शादी में दिए सोने व चांदी के आभूषण, मां का मंगलसूत्र व डेढ़ लाख रुपए गायब थे। प्रार्थी ने दलाल भंवरलाल व संजय सिंह को घटना के बारे में जानकारी दी। दोनों ने दुल्हन के वापस घर आने व जेवरात दिलाने का आश्वासन दिया। लेकिन, जेवरात व दुल्हन नहीं आने पर प्रार्थी ने चौरासी थाने में सालमपुरा निवासी भंवरलाल पुत्र रमणलाल पाटीदार, खरगोन निवासी माया पुत्री जगदीश कमरावत, आरती पुत्री जगदीश कमरावत, बड़वानी निवासी संजय सिंह व दारासिंह के खिलाफ नामजद मुकदर्मा दर्ज करवाया। गौरतलब है कि जिले में शादी के नाम पर झांसा देने के कई मामले सामने आ चूके है। इससे पूर्व भी सागवाड़ा एवं चौरासी थाने में मामले दर्ज हुए है।