डूंगरपुर. बीकानेर से रेलवे ट्रैक पर हरी झण्डी दिखाकर रवाना करते प्रधानमंत्री। फोटो- पत्रिका
डूंगरपुर। मीटरगेज लाइन के बाद आमान परिवर्तन और अब उदयपुर से अहमदाबाद ट्रैक के इलेक्ट्रिफाइड होने के बाद गुरुवार को औपचारिक रुप से शुरूआत हो गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीकानेर से इस ट्रैक का औपचारिक शुभारम्भ करते हुए इस ट्रैक से जुड़े वागड़ और मेवाड़ के साथ ही गुजरात को सौगात दे दी है।
पर, अब इंतजार इस ट्रैक के मुंबई से जुड़ने का इंतजार है। वागड़, मेवाड़ के साथ ही गुजरात के लोग इस ट्रैक के इलेक्ट्रिफाइड होने के साथ ही लंबे समय से मुंबई तक सीधी ट्रेन शुरू होने की बाट जोह रहे हैं।
210 किमी का ट्रैक
प्रधानमंत्री मोदी ने उदयपुर से हिम्मतनगर के मध्य 210 किमी के इस ट्रैक के विद्युतीकरण कार्य का गुरुवार को बीकानेर से शुभारम्भ किया। करीब 194.29 करोड़ की इस परियोजना का कार्य मार्च 2022 में शुरू हुआ था तथा दिसंबर 2024 मेें पूरा हुआ।
इसके बाद जनवरी 2025 से इस रूट पर इलेक्ट्रिक इंतजन से ट्रेनों का संचालन भी शुरू हो गया है। मौजूदा समय में इस ट्रैक पर संचालित कुल नौ ट्रेनों में से चार ट्रेने इलेक्ट्रिक इंजन के साथ संचालित हो रही हैं। इनमें कोटा-असारवा, इंदौर-असारवा, जयपुर-असारवा और आगरा-असारवा शामिल हैं।
मुम्बई से कनेक्टिविटी जरूरी
आमान परिवर्तन का कार्य 14 जनवरी 2022 को पूर्ण होने के साथ ही वागड़ और मेवाड़ से मुंबई तक की ट्रेन संचालन की मांग पूरजोर तरीके से उठाई जा रही है। वागड़ और मेवाड़ की व्यापारिक कनेक्टिविटी गुजरात एवं महाराष्अ्र से जुड़ी है। पर, तीन वर्ष के उपरांत भी इस टै्रक का नाता मुम्बई और बड़ौदा से नहीं जुड़ पाया है। इससे पूरा संभाग और गुजरात के लोगों में निराशा बढ़ रही है।
बात अगर जिले की ही करें तो डूंगरपुर सहित आसपास के क्षेत्र से दो से ढाई लाख लोग रोजगार के ध्येय से गुजरात के अहमदाबाद और छोटे बड़े कस्बों के साथ ही महाराष्ट्र और बड़ौदा में रोजगाररत हैं।
बड़ी संख्या में युवा अध्ययन एवं रोजगार के ध्येय से भी इन महानगरों से जुड़े हैं। करीब एक लाख लोग महाराष्ट्र एवं आसपास के क्षेत्रों में काम करते हैं। उनका और उनके परिजनों का जाना आना लगा रहता है। ऐसे में इस क्षेत्र की मुम्बई से जुड़ाव की लम्बे समय से मांग चली आ रही है।
नियमित चलती हैं बसें ओवर-लोड
जिला मुख्यालय सहित सागवाड़ा क्षेत्र से मुम्बई के लिए नियमित ट्रॉवेल्स चलती हैं और यह नियमित अच्छी खासी सवारियों के साथ चलती हैं। त्योहारी सीजन में यात्रियों को बस में टिकट के लिए दो-दो दिन का इंतजार भी करना पड़ता है। ऐसे में इस ट्रैक को मुंबई से जोड़ दिया जाए, तो क्षेत्रवासियों को लाभ होगा। हालांकि, यह मांग समय-समय पर आए सांसदों ने भी की है।