JOBS: भारत में नौकरियों को कौशल स्तर 1 से 4 तक बांटा गया
National Occupation Classification (NCO) के तहत भारत में नौकरियों को कौशल स्तर 1 से 4 तक बांटा गया है। आदर्श स्थिति में उच्च शिक्षा प्राप्त व्यक्ति को उच्च कौशल वाली नौकरी मिलनी चाहिए। स्किल लेवल 4 की नौकरियों में काम करने वालों में 38.23% ग्रेजुएट है, लेकिन वे ओवरक्वालिफाइड माने जाते हैं।
वर्क फोर्स में ओवर क्वालिफाइड लोग
(स्किल-1 – शिक्षा आधारित वर्कफोर्स प्रतिशत)वर्ष: 2017-18 बनाम 2023-24
🔝 टॉप-5 राज्य (स्किल-1 वर्कफोर्स प्रतिशत)
क्रम | राज्य | 2017-18 (%) | 2023-24 (%) |
---|---|---|---|
1 | बिहार | 63.71 | 63.64 |
2 | मेघालय | 59.20 | 61.16 |
3 | झारखंड | 62.56 | 59.74 |
4 | मध्यप्रदेश | 60.68 | 58.22 |
5 | राजस्थान | 64.49 | 57.29 |
🔻 बॉटम-5 राज्य (स्किल-1 वर्कफोर्स प्रतिशत)
क्रम | राज्य | 2017-18 (%) | 2023-24 (%) |
---|---|---|---|
1 | लक्षद्वीप | 41.80 | 37.92 |
2 | पुडुचेरी | 36.94 | 35.69 |
3 | केरल | 36.19 | 32.98 |
4 | चंडीगढ़ | 38.15 | 32.71 |
5 | गोवा | 35.06 | 31.97 |
बिहार, झारखंड और मेघालय जैसे राज्यों में 60% से अधिक कार्यबल स्किल-1 (शिक्षा) श्रेणी में आता है, जो दीर्घकालिक आर्थिक विकास के लिए चुनौतीपूर्ण है।
श्रमिकों के पास अपेक्षित औपचारिक शिक्षा का अभाव
अपर्याप्त योग्यता कौशल स्तर 2 की नौकरियों में 8.56 फीसदी श्रमिकों के पास अपेक्षित औपचारिक शिक्षा का अभाव है। यह अनौपचारिक कौशल प्रशिक्षण या अनुभव- आधारित नौकरियों के कारण हो सकता है।
यहां पर तकनीक और व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण (टीवीईटी) महत्त्वपूर्ण हो जाता है। टीवीईटी कम योग्यता वाले व्यक्तियों को गैप पाटने में सक्षम बनाता है, न इसकी सुविधाएं अपर्याप्त हैं।