ट्रांसपोर्ट मैनेजर ने दर्ज कराई रिपोर्ट, जीपीएस से पता चला एक ढाबा के पास डिजिटल लॉक से की गई छेड़छाड़
दरअसल 10 जनवरी को ट्रांसपोर्ट मैनेजर दुर्गेश मिश्र ने थाना इकदिल पर सूचना दी कि वह फर्म मेडालियन ट्रांसलीन एलएलपी में ट्रांसपोर्ट मैनेजर के पद पर कार्यरत है फर्म का कंटेनर 28 दिसंबर को दिल्ली स्थित डिपो से माल को लोड करके कोलकाता जाने के लिए निकला था। कंटेनर 21 करोड़ रुपये का मोबाइल फोन लोड था। लेकिन 31 दिसंबर को जब कोलकाता डिपो में कंटेनर पहुंचा तो उसमे से एक करोड़ 75 लाख रुपये का मोबाइल फोन कम पाए गए। गाड़ी पर लगे जीपीएस को चेक करने पर पाया गया कि ड्राइवरों द्वारा इटावा में थाना इकदिल क्षेत्र में स्थित नारायण ढाबा पर गाड़ी को काफी देर तक रोककर इलेक्ट्रॉनिक ताले के साथ छेड़छाड़ की गई थी। एसएसपी ने बताया कि सूचना पर पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल करना शुरू की।पुलिस ने कर सवार छह लोगों को किया गिरफ्तार
एसएसपी ने बताया कि घटना के खुलासे के लिए पुलिस और एसओजी टीम को लगाया गया था। पुलिस ने हाईवे पर स्थित ढाबों पर लगे सीसीटीवी कैमरे को चेक कर मैन्युअल और इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों के आधार पर घटना को अंजाम देने वाले चोरों को चिन्हित किया। इसी कड़ी में पुलिस को घटना से संबंधित लोग कार से कानपुर की ओर से इटावा की ओर आने की सूचना पर तत्काल बिरारी पुल के पास सघन चेकिंग करना शुरू किया। इसी दौरान एक कार आती हुई दिखाई दी। जिसे पुलिस टीम ने रुकने का इशारा किया। लेकिन पुलिस को देख कर चालक द्वारा भागने का प्रयास किया गया। पुलिस ने बल का प्रयोग करते हुए कार में सवार छह लोगों को पकड़ लिया।ड्राइवर की मिली भगत से हुई चोरी
पुलिस की पूछताछ में अपना नाम कंटेनर ड्राइवर रोहित उन्नाव, राजवीर अलीगढ़, मोहित विजय कुमार और चांद एटा के रहने वाले हैं। गिरफ्तार चोरों ने पुलिस को बताया कि योजना बनाकर कुछ साथी नारायण ढाबे के पास कंटेनर के डिजिटल लॉक को तोड़कर अंदर घुस गए थे। इसके बाद चलते कंटेनर में बॉक्सों को खोल खोलकर मोबाइल चोरी कर लिए थे। खुले हुए बॉक्सो को पुनः टेपिंग कर दिया था। जिसमे से कुछ मोबाइल हमारे पास हैं। शेष मोबाइल फोन बेच दिए थे।Shravasti Crime: गैस एजेंसी और पेट्रोल पंप के नाम पर 95 लाख की ठगी, फिर आगरा और फिरोजाबाद में खोला अपना प्रतिष्ठान
एसपी बोले- डिजिटल लॉक खोलने में शातिर चोर माहिर यूट्यूब से सीखा तरीका
एसएसपी ने बताया कि पकड़े गए चोर डिजिटल लॉकर तोड़ने में माहिर हैं. पकड़े गए यूट्यूब से सीखकर लैपटॉप, बैट्री और अन्य उपकरणों का प्रयोग कर डिजिटल लॉकर खोला था. चोरी करने के बाद फिर से कंटनेर को डिजिटल लॉक कर दिया था. इन सभी कार्यों में कंटेनर ड्राइवर ने अहम भूमिका निभाई है।