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फरीदाबाद

शानदार: एक बार यह नहीं देखा तो क्या देखा…जाइएगा जरूर

सूरजकुंड मेला, हरियाणा के फ़रीदाबाद में लगने वाला एक अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला है।

फरीदाबादFeb 17, 2025 / 08:20 pm

satyendra porwal

सूरजकुंड मेला: विभिन्न देशों की कला एवं संस्कृति का भव्य संगम

फरीदाबाद(हरियाणा). मध्य अफ्रीकी देश कैमरून और अन्य देशों के लोक कलाकारों ने सोमवार को सूरजकुंड मेले में पारंपरिक नृत्य और गायन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। सूरजकुंड मेला 2025 फरवरी में दिल्ली-एनसीआर में रंगों, शिल्प और सांस्कृतिक प्रदर्शनों की धूम मचा रहा है। भारत के सबसे बड़े हस्तशिल्प मेले के रूप में लोकप्रिय, यह 15 दिवसीय उत्सव है जहां कला और उत्सव का मिलन सबसे शानदार तरीके से होता है। चाहे आप हस्तनिर्मित रत्नों की खरीदारी करना चाहते हों, क्षेत्रीय व्यंजनों का लुत्फ़ उठाना चाहते हों या फिर सिर्फ़ जीवंत माहौल का आनंद लेना चाहते हों, इस मज़ेदार उत्सव में ज़रूर जाना चाहिए। यह मेला भारत की समृद्ध कलात्मक विरासत को संरक्षित करने के लिए एक जीवंत मंच के रूप में काम कर रहा है, जिसमें 42 देशों के 648 से ज़्यादा कारीगर शामिल हैं। इस साल, ओडिशा और मध्य प्रदेश को थीम राज्य के रूप में नामित किया गया है। अगर आप अभी तक नहीं गए हैं, तो 2025 यहां जाने का एकदम सही काम है।

पर्यटन निगम और कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग की पहल

38 वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले में पर्यटन निगम और कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग हरियाणा की ओर से छोटी और बड़ी चौपाल पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सिलसिला जारी है। मेले की बड़ी चौपाल पर कैमरून के लोक कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य और गायन से दर्शकों के दिलों में विशेष जगह बनाई। इसी प्रकार अन्य देशों और राज्यों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी आकर्षण का केन्द्र रही।

बड़ी चौपाल में बांधा समां

बड़ी चौपाल पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में तंजानिया का पारंपरिक नृत्य और मेडागास्कर के गायन तथा वादन काफी लोकप्रिय रहे। इन देशों के कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा से दर्शकों को काफी आकर्षित किया। इनके अलावा म्यांमार, श्रीलंका, घाना, मालवी, जाम्बिया , टोगो और अन्य देशों के कलाकारों ने संस्कृति और वेशभूषा पर आधारित कार्यक्रमों से समा बांधा। थीम स्टेट मध्य प्रदेश और ओडिशा के साथ-साथ अन्य राज्यों के लोक कलाकारों ने भी बेहतरीन प्रस्तुतियों का नजारा पेश किया।

छोटी चौपाल में दी प्रस्तुति

हरियाणा कला परिषद रोहतक मंडल की ओर से छोटी चौपाल पर रागनी, लोकगीत और हरियाणवी नृत्य आदि कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी गईं। इसके अलावा कलाकारों ने वाद्य यंत्र की धुनों के माध्यम से भी दर्शकों की खूब तालियां बटोरी।
शिवराज एंड ग्रुप (बैगपाइपर पार्टी), रामनाथ एंड ग्रुप बीन पार्टी और अंशुल एंड अंकित ने गिटार की प्रस्तुति दी। पालाराम एंड ग्रुप की रागनी, कृष्ण कुमार एंड गु्रप का हरियाणवी लोक नृत्य, एकल और युगल नृत्य तथा प्रवीण मुकेजा एंड ग्रुप ने शास्त्रीय एवं हिंदी फ्यूजन बैंड से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। इनके अलावा सीनियर श्रीराम मॉडल हाई स्कूल फरीदाबाद के विद्यार्थियों द्वारा हरियाणवी लोक नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी गई।

अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला

सूरजकुंड मेला, हरियाणा के फ़रीदाबाद में लगने वाला एक अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला है। इस मेले में भारत की संस्कृति और परंपराओं की झलक मिलती है। मेले में हस्तशिल्प और हथकरघा के साथ-साथ, दुनिया भर के व्यंजन भी मिलते हैं। शाम के समय लोक प्रदर्शन भी होते हैं।

सूरजकुंड मेले के बारे में जरूरी बातें

सूरजकुंड मेले का आयोजन हर साल होता है।

साल 2025 में सूरजकुंड मेला 23 फ़रवरी तक है।

मेले में हज़ारों की संख्या में लोग आते हैं।
मेले में शिल्पियों को प्रोत्साहित करने के लिए हरियाणा पर्यटन विभाग की तरफ़ से आयोजन किया जाता है।

मेले में कई कलाकार भी परफ़ॉर्म करते हैं।

इस मेले में मनोरंजन और साहसिक सवारी के लिए भी जगह होती है।

सूरजकुंड मेले में जाने का तरीका

वाहन से बदरपुर बॉर्डर या तुगलकाबाद होते हुए फ़रीदाबाद के मेले में जाया जा सकता है।

ट्रेन से जाने के लिए तुगलकाबाद रेलवे स्टेशन उतरकर, वहां से ऑटो से करीब दो किलोमीटर दूर स्थित मेला स्थल पहुंचा जा सकता है।
मेट्रो से जाने के लिए बदरपुर मेट्रो स्टेशन उतरना होगा।

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