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Susashan Tihar: 110 हितग्राहियों को मिला पीएम आवास की चाबी, ग्राम भैसा को 3.50 करोड़ की सौगात सामान्य सहित विशेष पिछड़ी जन जाति के लिए बनाए जा रहे प्रधानमंत्री जनमन आवास में भी बीते एक साल से जिस हिसाब से ग्राम पंचायतों में घूसखोरी चल रही है उसमें आवास मित्र, रोजगार सहायक, सचिव और सरपंच सहित जनपद कार्यालय में बैठे कुछ कर्मचारी इसमें कमीशन के फेर में कमाई कर रहे हैं। यह प्रधानमंत्री आवास योजना पंचायत के कर्मचारी और पदाधिकारी के लिए आय का नया स्रोत बन गया।
गरीबों का यह सपना प्रधानमंत्री आवास घूसखोरी और कमीशन खोरी का आसान तरीका बन गया है। आवास पाने की चाह में गरीब लोग
आवास मित्र, रोजगार सहायक और सरपंच सचिव को नाराज नहीं करना चाहते, इसलिए मुंह मांगा चढ़ावा दे रहे हैं। छुरा ब्लॉक के ग्राम पंचायत रसेला में इसका अलग ही उदाहरण देखने को मिला। ग्राम पंचायत के आश्रित जनजाति ग्राम कारीमाटी में पूर्व सरपंच द्वारा कमार जनजाति के जनमन आवास के प्रथम किस्त में 6-6 हजार रुपए कमीशन लेने का मामला उजागर हुआ है।
यह कमीशन ग्रामीण बैंक के चॉइस सेंटर संचालक रसेला के द्वारा ग्रामीणों के घर में खुद जाकर 40 हजार की प्रथम किस्त अदा की गई तो, चॉइस सेंटर संचालक ने पांच आवास हितग्राहियों जिसमें ईश्वरी बाई, सुमित्रा बाई, शांति बाई, सोनिया बाई, कुंती बाई के किश्त से प्रति आवास 6 हजार अलग काट कर रख लिया और सभी 5 हितग्राहियों को 34-34 हजार रुपए पकड़ा दिए। जबकि पूरा 40 हजार अदा करना का थंब लगाकर पैसा निकाल लिया। ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच को फोन पे से चढ़ावा चढ़ा दिया गया।
बीते साल 2024 का लगभग 10 माह तक किसी तरह या मामला दबा रहा। पर जब मामला मीडिया तक पहुंची, तो मीडिया की टीम जाकर इस बात की पड़ताल की तब सच सामने आया। ग्रामीणों ने बताया हमें आवास पैसा मांगा गया है और हम लोगों ने 1 आवास पीछे 6 हजार दिए हैं। पर अभी कुछ दिन पहले 6 हजार वापस लौटा दिया कुल मिला कर मामला बिगड़ मत जाए और कार्रवाई न हो जाए।
इस डर से चॉइस सेंटर संचालक ने बीते मंगलवार को सभी को 6-6 हजार लौटा दिए। पर सूत्रों की माने तो पूरे ग्राम पंचायत इस तरह प्रधानमंत्री आवास योजना जमकर पैसे की वसूली की गई है। पर पंचायत वाले उनका आवास योजना की सूची से कही नाम न काट लें, इस डर से कोई सामने नहीं आ रहा है। इस तरह पूरे छुरा ब्लॉक में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत जमकर वसूली की जा रही है और इन घूसखोरी में कार्यवाही शून्य हो रहा है। इस बारे पक्ष जानने जब पूर्व सरपंच को फोन लगाया तो उन्होंने काल रिसीव ही नहीं किया।
च्वॉइस सेंटर संचालक ने कहा पैसे पूर्व सरपंच को दिए इस बारे में जब ग्रामीण बैंक चॉइस सेंटर संचालक महेश्वर निषाद से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मेरे से गलती यही हुई कि मैं उनका पूरा पैसा 40-40 हज़ार न देकर 34-34 दिया हालांकि इसमें मैं एक रुपए भी नहीं कमाया है और घूसखोरी की 30 हजार पूर्व सरपंच के फोन पे पर उसी दिन 12 जुलाई को ट्रांसफर कर दिया। जिसका मेरे पास सबूत हैं। मैं अपना आईडी बचाने के लिए अपने जेब से आवास योजना के हितग्राहियों को 6-6 हजार रुपए लौटा दिया। मुझे सरपंच पैसा नहीं दिया है। भविष्य में देने की बात कही है। इस बात को आप मुयमंत्री और प्रधानमंत्री के पास ले जाएंगे, तो वहां भी मैं सच्चाई बता सकता हूं, मैं डरने वाला नहीं।
मामला की जानकारी मुझे मिल गई है। मैं जांच करवा लेता हूं। उन लोगों को बुलाकर पूछ लेता हूं। उसके बाद ही आपको कुछ बता पाउंगा। सतीश चंद्रवंशी, सीईओ, जनपद पंचायत छुरा