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Gonda News: डीएम का पत्र पहुंचते ही डॉक्टर का बदला मूड, पत्रकार को लखनऊ किया रेफर

Gonda news: शासन प्रशासन के लाखों प्रयास के बावजूद अस्पताल में व्यवस्थाएं सुधारने का नाम नहीं ले रही है। जिन्हें धरती का भगवान कहा गया है। वह भी गरीब मरीज के प्रति संवेदनशील नहीं दिख रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में गरीबों के इलाज के लिए भले ही बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। लेकिन व्यवस्था इसके बिलकुल विपरीत दिख रही है। एक ऐसा ही मामला गोंडा अस्पताल में सामने आया है। जहां पर डीएम का पत्र मिलते ही डॉक्टर का मूड बदल गया। उन्होंने तत्काल मीडिया कर्मी को लखनऊ रेफर कर दिया।

गोंडाApr 17, 2025 / 11:35 pm

Mahendra Tiwari

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अस्पताल में भर्ती पत्रकार

Gonda News: गोंडा शहर के काशीराम कॉलोनी के रहने वाले पत्रकार इकबाल हुसैन को जिला अस्पताल के हड्डी वार्ड के बेड नंबर 8 पर हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ अतुल सिंह द्वारा भर्ती करके ऑपरेशन करने की बात कही थी। इस बीच मंगलवार को खून की कमी के कारण ऑपरेशन से पहले कई बोतल ब्लड चढाकर ऑपरेशन की तैयारी पूरी कर ली गई थी। मरीज का इलाज चल रहा था। लेकिन डीएम का पत्र पहुंचते ही डॉक्टर का मूड बदल गया। उन्होंने मरीज को तत्काल लखनऊ के लिए रेफर कर दिया।
Gonda News: गोंडा में एक पत्रकार इन दिनों जिंदगी से जंग लड़ रहा है। आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण पत्रकार के बेटे ने पिता के ऑपरेशन के लिए डीएम से मिलकर निशुल्क ऑपरेशन अस्पताल से ब्लड के अलावा जो दवाई अस्पताल में उपलब्ध न हो उसे लोकल परचेज करने की गुहार लगाई। इस पर डीएम ने अस्पताल को पत्र लिखकर सहयोग करने की अपेक्षा व्यक्त की थी। लेकिन अस्पताल पत्र पहुंचते ही हड्डी विशेषज्ञ अतुल सिंह का मूड चेंज हो गया। उन्होंने पत्रकार को लखनऊ के लिए रेफर कर दिया।
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अब पत्रकार के परिजनों ने एक प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती कराया


जिला अस्पताल से रेफर किए जाने के बाद परिजनों के हाथ पांव फूल गए। लेकिन मरता क्या ना करता वाली कहावत यहां पूरी तरह से चरितार्थ हुई। मजबूरी बस पत्रकार के परिजनों ने अस्पताल से ले जाकर एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया है। बताते चलें इकबाल हुसैन के कूल्हे की हड्डी टूट गई थी। जिसको लेकर वह ऑपरेशन करना चाहता थे। लेकिन प्राइवेट में ऑपरेशन करने के लिए उसके पास उतना पैसा नहीं था। तो उसके द्वारा उत्तर प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के जिलाध्यक्ष कैलाश नाथ वर्मा से संपर्क किया। उन्होंने एक कवरिंग पत्र लगाते हुए जिला अधिकारी से सहयोग करने की अपेक्षा की थी।
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अस्पताल के अधिकांश चिकित्सा के खुलेआम कर रहे प्राइवेट प्रैक्टिस

जिला अस्पताल में कार्यरत अधिकांश चिकित्सक खुलेआम प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं। कुछ ने तो अपने नर्सिंग होम बनवा लिए हैं। कुछ दूसरे के नाम के नर्सिंग होम में पूरा समय देते हैं। आरोप है कि हड्डी रोग विशेषज्ञ का नर्सिंग होम जिला अस्पताल के सामने चल रहा है। अस्पताल में आने वाले मरीज को चिकित्सक देखने के बाद स्वयं अपने डिस्पेंसरी नर्सिंग होम में बुलाते हैं। जहां इन्हें जेब खाली करने के लिए मजबूर किया जाता है। यही नहीं अस्पताल में दर्जनों की संख्या में दलाल है। जो प्रत्येक डॉक्टर के आगे पीछे या उनके साथ लगे रहते हैं। मरीजों को बहला फुसलाकर कर संबंधित डॉक्टर के डिस्पेंसरी और नर्सिंग होम में ले जाकर उनका जमकर शोषण किया जाता है।

डॉक्टर बोले- अस्पताल में वेंटिलेटर और आईसीयू की व्यवस्था नहीं

इस संबंध में जब डॉक्टर अतुल सिंह से पूछा गया कि पहले आप ऑपरेशन करने के लिए तैयार थे। लेकिन डीएम का पत्र आने के बाद आपने पत्रकार को रेफर कर दिया। इस पर उनका कहना है कि डीएम का पत्र हमें नहीं मिला है। जहां तक ऑपरेशन की बात है। उनको चार यूनिट ब्लड चढ़ाने के बाद भी उनका हीमोग्लोबिन 6 प्रतिशत से बढ़ नहीं रहा है। ऐसे में कोई भी डॉक्टर कैसे ऑपरेशन कर सकता है। उनके पैर में काफी सूजन आ गई है। उनका कंडीशन ठीक नहीं है। उन्होंने दावा किया कि बिना आईसीयू और वेंटीलेटर के ऑपरेशन नहीं किया जा सकता है। जो जिला अस्पताल में उपलब्ध नहीं है। यह बात डीएम भी जानती हैं।

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