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गोंडा जिले में कृषि क्षेत्र में तकनीकी नवाचार को प्रोत्साहन देने और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई। “नमो ड्रोन दीदी योजना जिले में सकारात्मक और प्रभावशाली परिणामों के साथ आगे बढ़ रही है। इस योजना के तहत जिले के सात संकुल स्तरीय संघों का चयन किया गया है। साथ ही, उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत “नमो ड्रोन दीदी” के लिए ड्रोन पायलट और सहायक की चयन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। चयनित महिलाओं को प्रयागराज के फूलपुर स्थित इफको ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने योजना की जानकारी देते हुए बताया, कि नमो ड्रोन दीदी योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को तकनीकी ज्ञान और रोजगार के नए अवसर प्रदान करना है। चयनित महिलाएं ड्रोन तकनीक के माध्यम से किसानों की सहायता करेंगी। जिससे कृषि पद्धतियों में सुधार होगा। यह योजना महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में नवाचार की दिशा में अहम कदम है।
चयनित संकुल स्तरीय संघ
योजना के अंतर्गत निम्नलिखित सात संकुल स्तरीय संघों का चयन किया गया है।
बभनजोत: हौसला प्रेरणा संकुल स्तरीय संघ,करनैलगंज: संघर्ष प्रेरणा संकुल संघ,बेलसर: आयांश संकुल स्तरीय संघ,
नवाबगंज: दीप प्रेरणा संकुल संघ,कटरा बाजार: सौभाग्य प्रेरणा संकुल संघ, मनकापुर: उड़ान प्रेरणा संकुल संघ, मुजेहना: एकता प्रेरणा संकुल संघ, प्रत्येक संघ से एक ड्रोन पायलट और एक सहायक का चयन किया जाएगा, जिन्हें प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद आधुनिक कृषि में ड्रोन तकनीक का उपयोग करके किसानों की मदद करनी होगी।
योजना की मुख्य विशेषताएं
ड्रोन और सहायक उपकरणों की लागत का 80% सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। शेष 20 प्रतिशत लागत के लिए आसान ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। ड्रोन तकनीक का उपयोग कीटनाशक और उर्वरक छिड़काव, मिट्टी और फसल का विश्लेषण, और सिंचाई प्रबंधन के लिए किया जाएगा।
महिलाएं नवीनतम तकनीकों में दक्षता हासिल करेंगी। उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा। यह भी पढ़े: Basti News: बिजली विभाग ने किसान को भेजा 5 लाख का फर्जी बिल आया हार्ट अटैक, आयोग ने लगाया भारी भरकम जुर्माना उपयुक्त बोले- यह योजना आत्मनिर्भर और रोजगार के अवसर का एक महत्वपूर्ण माध्यम
उपायुक्त स्वतः रोजगार जेएन राव ने कहा, “नमो ड्रोन दीदी योजना, महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता और रोजगार के अवसर प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद महिलाएं न केवल कृषि क्षेत्र में योगदान देंगी, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेंगी। यह योजना न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के नए अवसर प्रदान करेगी, बल्कि कृषि पद्धतियों को आधुनिक और कुशल बनाएगी।