Prayagraj: न्यायालय जा रहे वकील को मारी गोली, तड़पते हुए पड़ोसी पर लगाया आरोप
बिना लाइसेंस के चल रहा था अस्पताल, टेक्नीशियन करता था सर्जरी
शुरुआती जांच में पता चला कि अस्पताल संचालक पति-पत्नी अपने एजेंटों के माध्यम से आसपास के क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं के इलाज के बहाने लाते थे और फिर डिलीवरी में परेशानी बताकर सीजेरियन डिलीवरी करते थे। अस्पताल भी बिना लाइसेंस के चल रहा था। यहां कोई भी डिग्रीधारी डॉक्टर नहीं था। इसके बाद शुक्रवार को पुलिस ने अस्पताल को सील कर दिया। फिलहाल, अस्पताल संचालक पति-पत्नी फरार हैं। टेक्नीशियन, उसके बेटे और आशा कार्यकर्ता पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है।
आशा कार्यकर्ता के सुझाव पर मरीज को लाया गया गोविंद हॉस्पिटल
जानकारी के मुताबिक 27 अप्रैल को गोहली बसंत की रहने वाली एक महिला को अचानक डिलीवरी पेन हुआ घरवालों ने आशा कार्यकर्ता गंगोत्री को बुलाया। आशा कार्यकर्ता ने बताया कि महिला की हालत गंभीर है और बांसगांव स्थित श्री गोविंद हॉस्पिटल को अच्छा बताकर भर्ती करने को बोली। इस अस्पताल के संचालक बघराईं गांव निवासी अमरीश राय और उसकी पत्नी ने भर्ती किया और ऑपरेशन के लिए ओटी टेक्नीशियन पन्ने लाल को बुलाया।
गर्भवती ने दिया बेटे को जन्म फिर बिगड़ी तबीयत, हुई मौत
ओटी टेक्नीशियन ने ऑपरेशन किया। महिला ने बेटे को जन्म दिया, लेकिन इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगे और रात में महिला की मौत हो गई। यह खबर मिलते ही टेक्नीशियन और अस्पताल संचालक पति-पत्नी फरार हो गए। महिला की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया। सूचना मिलते ही पुलिस पहुंची। घरवालों ने पुलिस को पूरी बात बताई। इसके बाद जब पुलिस ने जांच शुरू की, तो पूरे मामले का खुलासा हो गया। पुलिस ने आनन-फानन में श्री गोविंद हॉस्पिटल और ओटी टेक्नीशियन के बेटे नीरज के हरि मेडिकेयर हॉस्पिटल को सील कर दिया।
SSP गोरखपुर
SSP गोरखपुर डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि ओटी टेक्नीशियन पन्ने लाल, उसके बेटे नीरज कुमार और आशा कार्यकर्ता गंगोत्री देवी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। हॉस्पिटल के संचालक अंबरीश राय और सन्नो राय को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। दोनों अस्पताल सील भी कर दिए गए हैं।