इन अफसरों का सिर्फ एक ही उद्देश्य है कि आम आदमी से मोटी रकम वसूलना व बिना लेनदेन का कोई भी कार्य नहीं करना। यही वजह है कि निगम में कार्यरत पीएचई अमला को वापस लेने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा पूर्व में दो बार ग्वालियर नगर निगम को पत्र लिखते हुए कहा कि उनके पास पहले से ही कर्मचारी कम हैं इसलिए निगम में जो पीएचई अमला कार्य कर रहा है उन्हें जल्द वापस भेजा जाए, लेकिन उसके बाद भी निगम ने उस अमले को आज तक वापस नहीं किया। बल्कि जुगाड़ से कोई क्लर्क से जेडओ बन गया तो कोई उपयंत्री से उपायुक्त व नोडल अधिकारी बनकर बड़ा पद हथिया लिया है। इतना ही नहीं इन अधिकारी-कर्मचारी पर कई बार भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे और कुछ लोगों की विभाग व लोकायुक्त व ईडब्ल्यू में जांच भी चल रही है,लेकिन उसके बाद भी यह लंबे समय से एक ही सीट पर जमे हुए हैं और आज तक इनको कोई नहीं हटा पाया है।
हाईकोर्ट ले चुका है एक्शन
खास बात यह है कि अभी नगर निगम में प्रतिनियुक्ति मामले को लेकर हाईकोर्ट ने सख्त एक्शन लेते हुए सभी को वापस मूल विभाग में भेजने के लिए कहा है, लेकिन निगम अफसरों द्वारा हाल ही में न्यायालय में अफसरों की दी गई सूची में पीएचई का कोई भी जिक्र नहीं किया है। जबकि सभी लोग निगम में सालों से जमे हुए हैं।
तत्कालीन प्रमुख सचिव ने मांगी थी पीएचई कर्मचारियों की सूची
पूर्व में नगरीय विकास एवं आवास विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने तत्कालीन अपर आयुक्त मुकुल गुप्ता, अमर सत्य गुप्ता सहित अन्य 16 नगर निगम के आयुक्त को पत्र जारी करते हुए कहा था कि नगर निगम अपने यहां पर पदस्थ पीएचई कर्मचारियों की सूची बनाकर भेजे और स्टाफ भी वापस भेजते हुए अपने यहां पानी सप्लाई के लिए कर्मचारियों का इंतजाम करें। इसके बाद नगर निगम ग्वालियर ने पीएचई के 960 कर्मचारियों की लिस्ट तैयार कर वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी थी।
ये हैं पीएचई के कर्मचारी जिन्होंने हथिया लिए बड़े पद
प्रवीण दीक्षित उपयंत्री से प्रभारी सहायक यंत्री लश्कर पश्चिम-2 और स्टोर प्रभारी पीएचई। महेंद्र प्रसाद अग्रवाल उपयंत्री से लैंडफिल साइट नोडल अधिकारी व लश्कर पूर्व उपखंड में सहायकयंत्री। एपीएस भदौरिया सब इंजीनियर से उपायुक्त संपत्तिकर व पीएचई सहायक यंत्री। रजनीश गुप्ता सब इंजीनियर से सहायक यंत्री व संपत्तिकर उपायुक्त ग्रामीण राजीव पाण्डे सब इंजीनियर से जेडओ-09 अजय शर्मा बिल क्लर्क से जेडओ जोन-23
रामसेवक शाक्य उपयंत्री से प्रभारी सहायक यंत्री से जेडओ 05 केसी अग्रवाल उपयंत्री से प्रभारी सहायक यंत्री लश्कर पश्चिम। विष्णु पाल पंप ऑपरेटर से एफसीटीएस का प्रभारी शालिनी सिंह सहायक यंत्री से नोडल अधिकारी अमृत
ज्योति दोहरे उपयंत्री से प्रभारी सहायक यंत्री सतेंद्र उपाध्याय उपयंत्री से जेडओ क्षेत्रीय क्रमांक 15 लल्लन सिंह सेंगर संविदा से नोडल अधिकारी सीवर रामकिशोर शुक्ला संविदा से पीएचई का कार्यपालन यंत्री राजेश शर्मा उपयंत्री से सीवर सेल।
ये अमला है पीएचई का
पूर्व विधानसभा : एपीएस भदौरिया, महेंद्र प्रसाद अग्रवाल, महेंद्र सूर्या, राजीव पाण्डे, अदित्य पाण्डे, सुशील साहू, राकेश सिंह दिखित, प्रमोद अष्टपुत्रे, राजेश रत्नागर, अजय वर्मा, निमेश माहौर, मुकेश शर्मा, राजेश शर्मा, शम्भूदयाल श्रीवास्तव, सूरज प्रताप सिंह अन्य कर्मचारी। ग्वालियर विधानसभा : रामसेवक शाक्य, संदीप श्रीवास्तव, जगदीश सेन,निरंजन सिंह तोमर, हरि शर्मा, हरीसिंह, पंकज मलहोत्रा सहित अन्य कर्मचारी। ग्रामीण विधानसभा : रजनीश गुप्ता, अजय शर्मा,सूरज जादौन, वेदप्रकाश चौहान सहित अन्य कर्मचारी। दक्षिण विधानसभा : केसी अग्रवाल, प्रवीण दीक्षित, अवनीश गुप्ता, क्षेत्रपाल यादव, संजीव श्रीवास्तव, वेदप्रकाश चौहान, आनन्द कुशवाह,खेत्रपाल यादव, राजू भटनागर, सूरज जादौन सहित अन्य कर्मचारी।
ये है प्लांट पर पदस्थ
नगर निगम में पीएचई का अमला कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री, उपयंत्री के साथ मोतीझील,तिघरा व जलालपुर प्लांट और सीवर सेल में पदस्थ है। इसमें मोतीझील प्रभारी हेमंत शर्मा, महेश कुमार मगरिया, ज्योति दोहरे, संदीप विसरिया, शिशिर श्रीवास्तव व बालकदास सहित अन्य शामिल है।
800 से अधिक कर्मचारी कर रहे निगम में कार्य
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी संधारण खंड क्रमांक-1 में सहायक यंत्री 5, उपयंत्री 25, नलकूप, टंकियों के संचालन/वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन व ऑफिस कार्य के लिए 786, जल प्रदाय खंड संधारण क्रमाक-2 मोतीझील पर सहायक यंत्री 1, उपयंत्री 4, सीवर में 25 सहित 152 को मिलाकर कुल 960 कर्मचारी थे। इनमें से कुछ कर्मचारी सेवानिवृत हो चुके है तो कुछ वापस भी जा चुके है। ऐसे में अब 800 से अधिक कर्मचारी कार्य कर रहे है।
सब इंजीनियर उपायुक्त तो टीसी बने बड़े अधिकारी
नगर निगम में कंप्यूटर ऑपरेटर, मीटर रीडर, क्लर्क व निरीक्षक को जेडओ व उपायुक्त बना दिया तो सब इंजीनियरों को उपायुक्त और कर संग्रहकों को भवन सेल का प्रभारी/निरीक्षक और टीसी को बड़े पदों पर बैठा दिया गया है। पीएचई के स्टाफ को जहां पानी वितरण व सप्लाई व्यवस्था को देखना चाहिए वह निगम के ऊंचे पदों पर जाकर बैठ गए हैं। जबकि मुख्य इंजीनियर और काबिल अधिकारी-कर्मचारियों को इधर-उधर अटैच करके रखा है।