मकर संक्रांति के मुहूर्त में देररात राजौरिया का नाम घोषित किया गया। विरोध न हो, इसलिए प्रदेशाध्यक्ष शर्मा मंगलवार को सुबह ग्वालियर आए और सभी वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर राजौरिया के नाम पर सहमति बना ली। राजौरिया युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष और मप्र पाठ्य पुस्तक निगम के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। वर्तमान में प्रदेश कार्य समिति सदस्य एवं भिंड के प्रभारी हैं।
प्रदेश अध्यक्ष शर्मा अड़े रहे राजौरिया पर
राजौरिया को जिलाध्यक्ष बनाने में प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा की पूरी भूमिका रही। वे हर मोर्चे पर उनके लिए अड़े रहे। वर्तमान जिलाध्यक्ष अभय चौधरी विधानसभा अध्यक्ष तोमर के करीबी थे। तोमर इस बार भी अपने करीबी रामेश्वर भदौरिया को जिलाध्यक्ष बनवाना चाहते थे। वहीं केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने पारस जैन और पूर्व संगठन मंत्री शैलेन्द्र बरूआ के नाम की सिफारिश की थी। जबकि प्रदेशाध्यक्ष शर्मा की ओर से राजौरिया का नाम था। इसलिए खींचतान चलती रही। भोपाल से नाम तय नहीं हो सका तो दिल्ली में भी चर्चा हुई, लेकिन वहां सहमति नहीं बनी। चर्चा है कि मुख्यमंत्री को बीच में आना पड़ा, उसके बाद नाम तय हुआ।
नाराज तोमर से मिलने के बाद किया घोषित
विधानसभा अध्यक्ष तोमर राजौरिया के नाम पर सहमत नहीं थे। इसको लेकर वे नाराज भी थे। उनकी नाराजगी दूर करने प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा को ग्वालियर आना पड़ा। राजौरिया को लेकर प्रदेशाध्यक्ष शर्मा शाम को तोमर के बंगले पहुंचे और बंद कमरे में चर्चा की। तोमर ने राजौरिया के नाम पर सहमति तो दे दी, लेकिन वे इस निर्णय से खुश नहीं दिखे। तोमर के बंगले से बाहर निकलकर जब प्रदेशाध्यक्ष मीडिया से बात कर रहे थे, तो राजौरिया साथ थे, लेकिन वे रुके नहीं और सीधे चले गए। प्रदेशाध्यक्ष ने उन्हें रोकने की कोशिश भी की। बाद में तोमर और प्रदेशाध्यक्ष साथ में रेलवे स्टेशन आए और वंदेभारत से भोपाल के लिए रवाना हो गए। उनके जाने के तीन घंटे बाद राजौरिया के नाम की घोषणा की गई।
सुबह मंडल अध्यक्षों की बैठक से हुई शुरुआत
प्रदेशाध्यक्ष को इसका आभास था कि राजौरिया का नाम घोषित होने के बाद विरोध हो सकता है, इसलिए सुबह से घेराबंदी शुरू कर दी थी। प्रदेशाध्यक्ष ने सभी मंडल अध्यक्षों से राजौरिया के नाम पर सहमति करा ली। हालांकि प्रदेश चुनाव प्रभारी विवेक नारायण शेजवलकर भी सहमत नहीं थे, लेकिन प्रदेशाध्यक्ष ने उन्हें भी मना लिया। इसके बाद दोपहर भाजपा जिला निर्वाचन अधिकारी प्रदीप लारिया ने भाजपा कार्यालय में जिलाध्यक्ष की प्रक्रिया को संपन्न कराया। इसके बाद प्रदेशाध्यक्ष राजौरिया को लेकर विधानसभा अध्यक्ष के बंगले पर पहुंचे।
वरिष्ठ नेताओं में नाराजगी
जयप्रकाश राजौरिया के जिलाध्यक्ष बनने से भाजपा के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। कुछ नेताओं का कहना है, राजौरिया कभी सक्रिय नहीं रहे और जिला स्तर पर कभी कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी गई।
तीसरी सूची में इन 12 जिलों को मिले नये जिला अध्यक्ष
कटनी -दीपक टंडन सोनी ग्वालियर नगर- जयप्रकाश राजौरिया सागर – श्याम तिवारी सागर ग्रामीण – रानी पटैल दमोह – श्याम शिवहरे डिण्डोरी – चमरू नेताम बालाघाट – रामकिशोर कांवरे सिंगरौली – सुंदर शाह दतिया – रघुवीर शरण कुशवाहा अनूपपुर – हीरा सिंह श्याम