ग्वालियर हाईकोर्ट की एकलपीठ ने नगर निगम में प्रतिनियुक्ति पर आए अधिकारी व कर्मचारियों के वेतन को लेकर सीधा सवाल किया। कोर्ट ने पूछा कि वेतन का जो भार निगम पर आया है, क्यों न उसकी प्रतिपूर्ति राज्य शासन से की जाए। इसके लिए कौन जिमेदार है! प्रतिनियुक्ति पर आया अधिकारी पद के योग्य है या नहीं!
इस मुद्दे पर दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि शासन की ओर से सचिव स्तर का अधिकारी शपथ-पत्र पेश करेगा। नगर निगम की ओर से आयुक्त को जवाब देने को कहा गया है। याचिका की अगली सुनवाई 5 मई को होगी।
प्रतिनियुक्ति पर आए 61 अधिकारी व कर्मचारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा
हाईकोर्ट ने निगम में प्रतिनियुक्ति पर आए 61 अधिकारी व कर्मचारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। शुक्रवार सुबह सुनवाई हुई तो अधिकारियों की ओर से वकालत नामे नहीं आए। इसके चलते दोपहर 2.30 बजे का समय दिया गया। लंच के बाद सुनवाई हुई तो अधिकारियों के वकालत नामे आ गए। जवाब पेश करने के लिए दो दिन का समय लिया।
वेतन का भार निगम पर आया, उसकी प्रतिपूर्ति राज्य शासन से
ग्वालियर हाईकोर्ट ने कहा है कि -मूल विभाग में मूल पद का उल्लेख करना होगा। उन्होंने निगम में प्रतिनियुक्ति पर आने के लिए आवेदन किया था या नहीं! आवेदन किया था तो क्या कारण था! कोर्ट ने पूछा कि वेतन का जो भार निगम पर आया है, क्यों न उसकी प्रतिपूर्ति राज्य शासन से की जाए!