साइबर सेल का मानना है खातों की गिनती अभी और बढ़ सकती है। जिनमें अबसार से लूटी रकम को मिनटों में ठगों ने ट्रांसफर किया है। हालांकि साइबर सेल का फोकस दिल्ली, कर्नाटक और हरियाणा के बैंक खातों पर है। क्योंकि इनमें सबसे ज्यादा पैसा ठगों ने अबसार से ऐंठकर जमा किया है। यह सभी खाते कारोबारी फर्म के नाम और करंट एकाउंट है।
बार्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ ) के इंस्पेक्टर अबसार अहमद को डिजिटल अरेस्ट करने वाला गिरोह अभी पता नहीं चला है। लेकिन इंस्पेक्टर अहमद को लूटने में इस्तेमाल बैंक खाते और फोन कॉल की कडिय़ां जोड़ कर पुलिस धीरे धीरे ठगों के ठिकाने तक पहुंच रही हे। इस एपीसोड में 34 खातों की पहचान हुई है। पुलिस का फोकस उन खातों पर है जिनमें अहमद से ऑनलाइन लूटी रकम का बडा हिस्सा जमा हुआ है।
स्क्रीन पर कंबोडिया का नंबर
अबसार अहमद को डिजिटल अरेस्ट करने के लिए जिस नंबर से वीडियो कॉल आया था वह कंबोडिया का बताया गया है। हालांकि जांच टीम मान रही है इंटरनेट कॉल पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता है। ठग गिरोह लोकल हो सकता है, उसने झांसा देने के लिए कंबोडिया के नंबर का इस्तेमाल किया है। यह है मामला
ग्वालियर के बीएसएफ के साइबर इंस्पेक्टर अबसार अहमद को ऑनलाइन ठगों ने मनी लॉड्रिंंग केस का आरोपी बताकर जेल भेजने की धमकी दी थी। उनके साथ परिवार को भी दोषी बताकर धमकाया था। फिर उन्हें 29 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 71 लाख रुपया ऑनलाइन लूटा था।