पत्रिका के खुलासे के बाद कलेक्टर ने स्टांप ड्यूटी चोरी की जांच कराई थी। जिला पंजीयक ने अपनी रिपोर्ट में 19 लाख 81 हजार रुपए की स्टांप ड्यूटी चोरी का खुलासा किया था। जिला पंजीयक ने जांच रिपोर्ट कलेक्टर को भेजी थी। कलेक्टर ने कार्रवाई के लिए रिपोर्ट पंजीयन महानिरीक्षक के पास भेज दी थी। इस रिपोर्ट पर फैसला लिया जाना है, जिसके चलते उप पंजीयक को नोटिस दिया गया है।
उप पंजीयक को नोटिस जारी
दरअसल पटेल नगर रोड पर स्थित 6 हजार 331 वर्गफीट (सिल्वर ओख होटल के पास) के व्यवसायिक प्लॉट की रजिस्ट्री पंजीयन विभाग में की गई। प्लॉट के एग्रीमेंट व पावर ऑफ अटॉर्नी में संपत्ति व्यवसायिक लिखी हुई थी, लेकिन जब 28 फरवरी 2024 को प्लॉट की रजिस्ट्री की गई तो व्यवसायिक प्लॉट को रोड से हटकर अंदर बताया गया। आवासीय भूमि की स्टांप ड्यूटी लगाई। उप पंजीयक कैलाश वर्मा ने तथ्यों को नहीं देखा और रजिस्ट्री कर दी। 20 अगस्त 2024 को पत्रिका के खुलासे के बाद सेवा प्रदाता का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया, लेकिन उप पंजीयक को नोटिस जारी किया गया। उप पंजीयक ने फिर से संपत्ति की गणना कर स्टांप ड्यूटी निकाली। 19 लाख 81 हजार रुपए की स्टांप ड्यूटी चोरी निकली।। सरकार को सीधे 19 लाख 81 हजार रुपए की आर्थिक हानि पहुंचाई गई। जिला पंजीयक ने फाइनल रिपोर्ट कलेक्टर को भेजी। इस रिपोर्ट में स्टांप ड्यूटी की गणना कर सरकार को हुए नुकसान के बारे में बताया।
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-ई पंजीयन संख्या एमपी142592021 ए4210883 के तहत जय व अजय यादव ने 1 मार्च 2021 को सुभाष चतुर्वेदी के नाम मुख्तियारनामा (पावर ऑफ अटॉर्नी) संपादित की।
-ई पंजीयन संख्या एमपी 142592024 ए4231970 में 23 फरवरी 2024 को दो पक्षकारों ने उप पंजीयक मानवेंद्र भदौरिया के यहां अपना मुख्तियार नामा निरस्त कर दिया। दो लोगों ने पावर ऑफ अटॉर्नी निरस्त कर दी, उसके बाद भी रजिस्ट्री कर दी गई। पावर ऑफ अटॉर्नी विवादित हो गई थी।
-ई पंजीयन संख्या 142592024ए1256494 में 28 फरवरी 2024 को सुभाष चतुर्वेदी ने प्लॉट को सुनीता शर्मा पत्नी हरीश शर्मा को बेच दिया। रजिस्ट्री के वक्त पूरे तथ्य छिपा लिए। -मुख्तियारनामा निरस्त होने के बाद रजिस्ट्री की गई। धोखाधड़ी का केस दर्ज कराने के लिए जिला न्यायालय में परिवाद भी लंबित है। विश्वविद्यालय थाने की रिपोर्ट आने के बाद कोर्ट को फैसला होना है।