उपभोक्ता नहीं ले रहे रूचि
ई-केवाईसी की प्रक्रिया करीब 8 महीने से चल रही है। गैस एजेंसियां उपभोक्ताओं से ई-केवाईसी कराने की गुजारिश कर रही हैं। साथ ही मोबाइल पर ई-केवाईसी कराने के मैसेज भी भेजे जा रहे हैं। इसके बावजूद उपभोक्ता इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं। केवाईसी कराने के लिए उपभोक्ताओं ने जिस गैस कंपनी का सिलेंडर ले रखा है, उन्हें उसकी एजेंसी पर आधार, गैस की डायरी और मोबाइल लेकर जाना होगा। वहां बायोमैट्रिक के जरिए ई-केवाईसी हो जाएगी। ये भी पढ़ें: ‘आयुष्मान भारत योजना’ में बड़ा बदलाव, फ्री में करा सकेंगे ‘नॉर्मल डिलिवरी’ ई-केवाईसी के लिए ये है जरूरी
इसमें ग्राहकों के फिंगर प्रिंट स्कैनर और फेस आइडी से ई-केवाईसी किया जा रहा है। ई-केवाईसी के लिए आधार कार्ड और गैस का उपभोक्ता नंबर चाहिए। जिन उपभोक्ताओं के नाम से कनेक्शन है, उनका होना आवश्यक है। इसके अलावा जो लोग एजेंसी नहीं जाना चाहते वे ऑनलाइन भी ई-केवाईसी करवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें मोबाइल एप डाउनलोड करना होंगे।
असल मकसद उपभोक्ताओं की पहचान करना
गैस कंपनियों की ओर से ई-केवाईसी कराने का मुय मकसद यह है कि सही उपभोक्ताओं की पहचान हो सके। कई ऐसे उपभोक्ता हैं, जो अपने पते को छोड़ कर दूसरी जगहों पर चले गए हैं, लेकिन उनका कनेक्शन कोई अन्य व्यक्ति इस्तेमाल कर रहा है।
ई-केवाईसी हर ग्राहक को कराना जरूरी
एलपीजी के हर ग्राहक को ई-केवाईसी करना जरूरी है। इंडेन गैस कंपनी के शहर में 3 लाख 72 हजार ग्राहक हैं, इनमें से 36 फीसदी ग्राहकों ने ही अभी तक ई-केवाईसी कराया है।-श्यामानंद शुक्ला, कॉर्डिनेटर ग्वालियर-चंबल एलपीजी फेडरेशन