दिल्ली की धार्मिक-जनसांख्यिकीय संरचना को बदल दिया
रिपोर्ट कहती है कि राजधानी में आए इन अवैध प्रवासियों ने एक तरफ दिल्ली की कंसट्रक्शन और विनिर्माण इंडस्ट्री के श्रमिक बाजार में देश के अन्य हिस्सों से आने वाले प्रवासियों के लिए मुश्किलें पैदा की हैं तो दूसरी तरफ संगठित अपराध में भी इजाफा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है, राजधानी में अवैध प्रवास के कारण हुए परिवर्तनों ने दिल्ली की धार्मिक-जनसांख्यिकीय संरचना को बदल दिया है, बांग्लादेश से आए प्रवास के कारण मुस्लिम आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसने शहर के सामाजिक-राजनीतिक डायनेमिक्स को प्रभावित किया है।
भाजपा ने आप पर साधा निशाना
भाजपा नेता संबित पात्रा ने इस रिपोर्ट के हवाले से दिल्ली में अवैध रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों के लगातार बढ़ते प्रवास में राजनीतिक संरक्षण की अहम भूमिका को लेकर दिल्ली के सत्तादारी दल आप पर निशाना साधा है। पात्रा ने कहा कि दिल्ली के आप और कांग्रेस जैसे राजनीतिक दल अवैध प्रवासियों के लिए फर्जी मतदाता पंजीकरण की सुविधा प्रदान कर रहे हैं।
‘अत्यधिक भीड़भाड़, अनियोजित शहरी विस्तार’
रिपोर्ट में अवैध प्रवास से जुड़ी आर्थिक चुनौतियों और बुनियादी ढांचे पर पड़ने वाले दबाव पर भी प्रकाश डाला गया है, रिपोर्ट में लिखा गया है कि अनधिकृत बस्तियों के कारण भीड़भाड़, अनियोजित शहरी विस्तार और पानी, बिजली, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा जैसी सार्वजनिक सेवाओं पर दबाव बढ़ा है।
मौलवियों के नेटवर्क से प्रवास में मदद
रिपोर्ट के अनुसार, ये अवैध प्रवासी मुख्य रूप से सीलमपुर, जामिया नगर, जाकिर नगर, सुल्तानपुरी, मुस्तफाबाद, जाफराबाद, द्वारका, गोविंदपुरी और अन्य इलाकों में बसते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, दिल्ली में अवैध अप्रवासियों ने शहर के जनसांख्यिकीय परिदृश्य को काफी हद तक बदल दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, प्रवासी अक्सर आवास और नौकरियों के लिए दलालों, एजेंटों और धार्मिक उपदेशकों (मौलवियों) पर निर्भर रहते हैं।