कुकुरमुत्तों की तरह शहर में उगे होटल-कैफे पर अगर प्रशासन ठीक तरह से एक्शन लेना शुरू कर दे तो यहां होने वाली संदिग्ध गतिविधियों पर अंकुश लग सकता है। क्योंकि यहां आने वाले ‘ग्राहक’ घोर एकांत चाहते हैं। नियम कायदों की पालना को लेकर जांच-पड़ताल होगी तो यह एकांत पसंद ग्राहक खुद ही भाग जाएंगे।
छापामार कार्रवाई में मिली ये चीजें
गौरतलब है कि नागरिकों की मांग पर रविवार को चंडीगढ़ अस्पताल क्षेत्र में पुलिस ने औचक निरीक्षण किया। इस दौरान सामने आया कि होटल-कैफे के कमरे व केबिन घंटों के हिसाब से किराए पर देकर संदिग्ध गतिविधियां करवाई जा रही हैं। इन अड्डों पर मिले गर्भ निरोधक, टेबलेट, सेक्सवर्द्धक दवा इसके प्रमाण हैं।
निरंतर मिली संदिग्ध वस्तुएं
रावतसर शहर में दिनोंदिन होटल व कैफे खोलने की होड़ सी मची है। इनमें हर दिन संदिग्ध व अनैतिक गतिविधियां होती हैं। पिछले माह ही रावतसर पुलिस ने नोहर तिराहे के पास एक होटल से संचालक सहित चार संदिग्ध युवकों को गिरतार किया था।
पुलिस कई बार कर चुकी है कार्रवाई
बस स्टैंड के पास स्थित एक कैफे से भी संचालक को शांति भंग की आशंका में गिरफ्तार किया गया था। इसके बावजूद होटल व कैफे संचालक बाज नहीं आ रहे हैं। पुलिस प्रशासन व स्थानीय उपखंड प्रशासन की कड़ी निगरानी के अभाव में यह होटल व कैफे अनैतिक गतिविधियों अड्डे बने हुए हैं। सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष जितेन्द्र गोयल कई बार औचक निरीक्षण कर चुके हैं और हर बार कई संदिग्ध वस्तुएं भी मिली हैं। इसके बावजूद अब तक कोई कठोर कार्रवाई नहीं होने से संचालकों के हौसले बुलंद हैं।
बेशर्मी बन चुकी आदत
आधुनिकता का लबादा ओढ़े इन बेहया लोगों को कितना ही कह लो, बेशर्मी इनकी आदत बन चुकी है। स्थिति यह है कि जो पकड़ा गया वो चोर बाकी सब पर कौन करे गौर। खैर, खतरे का अलार्म तो बजा और पत्रिका ने जिस तरह यह मामला उठाया है वह प्रशंसनीय है। -मोहमद मुश्ताक जोईया, वरिष्ठ अधिवक्ता, हनुमानगढ़।
बीट कांस्टेबल को ज्ञान
बीट कांस्टेबल को अपने क्षेत्र की सभी अनैतिक व अपराधिक गतिविधियों का ज्ञान होता है। उसकी चुप्पी कई सवाल खड़े करती है। राजनीतिक दलों और प्रशासन ने भी चुप्पी साध रखी है। यह गंभीर मामला है जिस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।-प्रवीण मेहन, अध्यक्ष, आरटीआई जागृति मंच।
जागना होगा, करेंगे कार्रवाई की मांग
चिंताजनक स्थिति है। वास्तव में अभिभावकों को जाग जाना चाहिए। स्वतंत्रता व स्वछंदता में अंतर समझना होगा। नागरिक सुरक्षा मंच इस मुद्दे को लेकर जल्दी ही प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों से मिलकर उनसे कार्रवाई की मांग करेगा। नियम-कायदों की जांच को लेकर विभागीय अधिकारियों को निरीक्षण करना चाहिए। -एडवोकेट शंकर सोनी, संयोजक नागरिक सुरक्षा मंच।
कथित उन्नति के साइड इफेक्ट
यह कथित उन्नति के साइड इफेक्ट हैं। इसका उपचार पुलिस, प्रशासन व सरकार के साथ ही अभिभावकों को भी करना होगा। किसी एक से पूर्णत: समस्या दूर नहीं होगी।-जेके झाब, वरिष्ठ नागरिक।
सफेदपोश दलाल सक्रिय
हनुमानगढ़ में इन दिनों कुछ ज्यादा ही गंदगी फैली हुई है। यहां के सफेदपोश दलाल मैनेजमेंट में माहिर हैं। यहां कौनसा पर्यटन क्षेत्र विकसित हो गया है जो धड़ाधड़ होटल-कैफे खुल रहे हैं। इन पर कार्रवाई होनी चाहिए। -पार्षद गुरदीप चहल, हनुमानगढ़।