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भारत में तेजी से बढ़ रहे Heart Attack के मामले, इनसे बचने के लिए सिर्फ व्यायाम ही नहीं बल्कि बैलेंस लाइफस्टाइल है जरूरी

Heart Attack: भारत में पिछले कुछ सालों से हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे है। इनसे अपनी सुरक्षा करने के लिए केवल व्यायाम करना ही पर्याप्तन नहीं है बल्कि आपको एक बैलेंस लाइफस्टाइल अपनाने की जरूरत है।

भारतJun 29, 2025 / 03:25 pm

Himadri Joshi

heart attack

heart attack ( photo – AI generated )

Heart Attack: पिछले कुछ सालों में भारत में अचानक हार्ट अटैक के मामले बढ़ने लगे है। पहले जहां सिर्फ बड़ी उम्र के लोगों को दिल का दौरा पड़ने का खतरा रहता था वहां अब न सिर्फ युवा बल्कि बच्चों में भी इसके मामले देखने को मिल जाते है। कोविड महामारी के बाद भी इसके मामलों में काफी तेजी देखने को मिली है। कई शोध में यह पाया गया है कि कोरोना महामारी का हृदय स्वास्थ पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इसके बाद से अचानक दिल का दौरा पड़ने से होने वाली मौत के मामले काफी बढ़ गए है। इसमें स्कूल जाने वाले बच्चों और 20-22 साल के व्यक्ति के साथ साथ कई मशहूर व्यक्ति भी शामिल है। हाल ही एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला की भी शुक्रवार रात अचानक दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है। नियमित व्यायाम और अच्छे खान पान के बावजूद सिर्फ 42 साल में शेफाली को दिल का दौरा पड़ना एक बड़ी चिंता का विषय है। यह दर्शाता है कि सिर्फ खानपान और व्यायाम ही नहीं बल्कि स्वस्थ जीवन के लिए बैलेंस लाइफ होना बहुत जरूरी है। आइए जानते है कि एक बैलेंस लाइफ के लिए क्या क्या चीजें जरूरी है।

धूम्रपान और शराब से दूरी

धूम्रपान करने और नियमित शराब का सेवन करने से हार्ट अटैक का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है। विशेषज्ञ इससे होने वाले नुकसान को लेकर अक्सर लोगों को चेतावनी देते रहे है और इनका सेवन न करने की सलाह भी देते है। धूम्रपान से रक्त वाहिकाओं को नुकसान होता है, जिससे हृदय को रक्त पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है। साथ ही इससे खून के थक्के जमने की संभावना भी बढ़ जाती है।

पोशण युक्त खानपान

व्यक्ति का खानपान उसके स्वास्थ के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार होता है। हम क्या खाते है और वह किन चीजों से मिल कर बना है इस पर हमारा शारीरिक स्वास्थ पूरी तरह से निर्भर करता है। नियमित बाजार में मिलने वाला तेल युक्त खाना खाना, जंक फूड और पैकेज फूड का सेवन करना स्वास्थ के लिए बहुत अधिक नुकसान दायक होता है। यह हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा काफी बढ़ा जाता है। इस परेशानी से बचने के लिए हमें संतुलिस आहार करना चाहिए। हमें ऐसा खाना खाना चाहिए जो फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और स्वस्थ वसा (जैसे कि मछली, नट्स, और बीज) से भरपूर हो।

नियमित व्यायाम

नियमित व्यायाम करना एक स्वस्थ जीवन के लिए बहुत जरूरी है। यह न सिर्फ हृदय रोगों से बल्कि अन्य स्वास्थ समस्याओं से भी हमें सुरक्षित रखता है। यह हमारे हृदय को मजबूत बनाता है और रक्तचाप को कम करता है, जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम रहता है। विशेषज्ञों के अनुसार, स्वस्थ जीवन के लिए हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट नॉर्मल एरोबिक्स या फिर 75 मिनट तेज स्पीड वाले एरोबिक व्यायाम करना फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, हृदय रोग से पीड़ित लोगों को अधिक शारीरिक परिश्रम वाले व्यायाम न करने की सलाह दी जाती है। लेकिन ऐसे लोगों को भी स्वस्थ रहने के लिए नियमित वॉक और योग करना चाहिए।

वजन का नियंत्रण

बढ़ता वजन भी हृदय रोगों का एक बहुत बड़ा कारण बनता जा रहा है। विदेशों के साथ साथ भारत में भी बढ़ता वजन एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। यहां तेजी से युवा मोटापे का शिकार हो रहे है। कई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आने वाले सालों में यह समस्या कई गुणा तक बढ़ने की संभावना है। मोटापा धीरे धीरे वैश्विक समस्या बनता जा रहा है और इससे ह्दय रोगों का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है। मोटापा कई बीमारियों की जड़ माना जाता है। हृदय स्वास्थ के लिए भी शरीर में जमी अत्यधिक चर्बी जिम्मेदार होती है। इससे हाई बीपी, उच्च ब्लड कोलेस्ट्रॉल और उच्च ब्लड शुगर जैसी बिमारियां होने लगती है साथ ही इससे हृदय रोग का खतरा चार गुणा तक बढ़ जाता है।

तनाव से बचाव

तनाव को हृदय समस्याओं की एक महत्वपूरण वजह माना जाता है। यह सिर्फ हमारे मूड को ही प्रभावित नहीं करता बल्कि हमारे शरीर के लिए भी काफी नुकसानदायक होता है। यह हमारी हृदय प्रणाली में भी बहुत से परिवर्तन कर देता है। दरअसल तनाव हमारे शरीर में लड़ने या भागने की प्रतिक्रिया को ट्रिगर करता है। यह प्रक्रिया दिमाग के हाइपोथैलेमस नामक हिस्से में शुरु होती है। इसके बाद हमारी मदद के लिए दिमाग कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन जैसे हार्मोन जारी करता है जो कि तुरंत होने वाले शारीरिक परिवर्तन के लिए जिम्मेदार होते है। यह प्रतिक्रिया थोड़े समय के लिए होने वाली किसी घटना के लिए मददगार होती है लेकिन लगातार तनाव में रहने पर यह प्रतिक्रिया लगातार होती है, जिससे आपके दिल और रक्त वाहिकाओं पर लंबे समय तक दबाव पड़ता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, लंबे समय तक होने वाले तनाव से हृदय समस्याओं का खतरा 60 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।

पिछले तीन वर्षों में बढ़े हार्ट अटैक के मामले

अपनी दिनचर्या में यह आवश्यक बदलाव करने और अच्छी लाइफस्टाइल को अपनाने से दिल की बीमारियों के खतरे से बचा जा सकता है। वर्तमान समय में दिल से जुड़ी परेशानियां तेजी से बढ़ रही है। इसके चलते हार्ट अटैक के मामलों में भी काफी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। अगर सिर्फ पिछले तीन वर्षों की बात की जाए, खासकर 40 वर्ष से कम उम्र के लोगों में, तो हार्ट अटैक के मामले काफी बढ़ गए है। एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में दिल के दौरें से होने वाली मौतों के मामले में 12.5% की वृद्धि देखी गई है। सिर्फ यहीं नहीं बल्कि इससे अधिक चिंता का विषय यह है कि अब कम उम्र में भी लोगों को हार्ट अटैक की समस्या होने लगी है। देश भर के अस्पतालों के 2020 से 2023 के आंकड़ों से पता चलता है कि दिल के दौरे के 50% मरीज 40 साल से कम उम्र के हैं।

कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े

एक अमेरिकी रिसर्च के मुताबिक, 2015 में भारत में 6.3 करोड़ लोग दिल से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित थे और इसमें से 2.3 करोड़ की उम्र 40 से कम थी। इसी तरह 2018 में आई लैंसेट की स्टडी के दौरान 1990 से 2016 तक हुए दिल की बीमारियों के मामलों का डेटा एकत्रित किया गया था। इसके अनुसार 1990 में भारत में होने वाली कुल मौतों में से 15.2 प्रतिशत के लिएल दिल से जुड़ी बीमारियां जिम्मेदार थी। वहीं साल 2016 में यह आंकड़ा बढ़ कर 28.1 प्रतिशत हो गया था। इसके अनुसार 2016 में भारत में होने वाली हर 100 मौतों में से 28 मौतों के लिए दिल से जुड़ी बीमारियां जिम्मेदार थी। साल 2011 से 2020 तक हार्ट अटैक के कारण हुई मौतों का आंकड़ा कुछ इस प्रकार है।
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