Smartphone addiction : क्या आप रह सकते हैं 3 दिन बिना स्मार्टफोन? नतीजे आपको चौंका देंगे
Mental health impact of smartphones : संतुलित डिजिटल जीवनशैली केवल मानसिक शांति ही नहीं, बल्कि पारिवारिक रिश्तों को भी बचा सकती है। हालिया शोध में पाया गया कि तीन दिन का मोबाइल डिटॉक्स दिमाग पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। मोबाइल की वजह बालाघाट में हुई माता पिता की हत्या ने गंभीर सवाल उठा दिए हैं।
Smartphone addiction symptoms : बर्लिन. केवल तीन दिनों तक स्मार्टफोन से दूर रहना दिमाग के रसायन विज्ञान पर असर डाल सकता है। कंप्यूटर इन ह्यूमन बिहेवियर जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार 72 घंटे के लिए स्मार्टफोन का इस्तेमाल सीमित करने से दिमाग (Boost Your Brainpower) के उन हिस्सों में बदलाव आता है जो ‘लत’ की भावना से जुड़े होते हैं। शोध में 18 से 30 साल के 25 युवाओं को तीन दिन तक केवल जरूरी कामों के लिए स्मार्टफोन इस्तेमाल करने को कहा गया। इस दौरान उनके दिमाग के एफएमआरआइ स्कैन में पाया गया कि फोन की ललक कम होने के साथ-साथ डोपामिन और सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर के स्तर में बदलाव हुआ। ये वही रसायन हैं जो लत या तलब से जुड़े होते हैं।
डिजिटल ब्रेक लेना बहुत जरूरी Digital detox benefits
हीडलबर्ग और कोलोन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार यह प्रयोग साबित करता है कि स्मार्टफोन का ज्यादा (Smartphone addiction) इस्तेमाल मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। छोटे-छोटे डिजिटल ब्रेक लेना, नोटिफिकेशन सीमित करना और स्क्रीन-फ्री समय तय करना दिमाग के संतुलन को बेहतर बना सकता है।
दिमाग पर स्मार्टफोन ब्रेक का असर Get rid of smartphone addiction
इस दौरान, प्रतिभागियों के दिमागी बदलावों को समझने के लिए फंक्शनल मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एफएमआरआइ) स्कैन किए गए। इन स्कैन में यह सामने आया कि ब्रेन के उन हिस्सों में बदलाव हुए, जो इनाम (रिवॉर्ड) और लालसा (क्रेविंग) से जुड़े होते हैं। ये वही पैटर्न हैं जो किसी नशे या शराब की लत से जुड़े अध्ययन में देखे जाते हैं।
मस्तिष्क की रसायनिक प्रक्रिया और लत Dopamine and smartphone addiction
स्टडी में पाया गया कि स्मार्टफोन से दूरी बनाने के बाद डोपामिन (Dopamine) और सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर के स्तर में बदलाव आया, जो हमारे मूड, भावनाओं और आदतों को नियंत्रित करते हैं। यह प्रभाव उन लोगों में भी देखने को मिला जो स्मार्टफोन का सामान्य उपयोग करते थे।
इस शोध से यह स्पष्ट होता है कि स्मार्टफोन (Smartphone addiction) का अत्यधिक उपयोग मस्तिष्क पर नशे की तरह प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में, डिजिटल जीवनशैली में संतुलन बनाए रखना मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी हो सकता है। तो क्या आप तीन दिन बिना स्मार्टफोन रहने के लिए तैयार हैं?
मोबाइल चलाने से रोकने पर बेटे ने की मां की हत्या, पिता गंभीर
बालाघाट. मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में मोबाइल चलाने से मना करने की बात पर बेटे ने लोहे की रॉड से माता-पिता का सिर फोड़ दिया। घटना में मां की मौत हो गई, जबकि पिता गंभीर रूप से घायल हुए। वारासिवनी एसडीओपी अभिषेक चौधरी ने बताया कि सिकंद्रा गांव की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहने वाले शिक्षक दंपती प्रतिभा कटरे (40) और किशोर कटरे (45) पर बेटे ने जानलेवा हमला किया। पुलिस के अनुसार मंगलवार की शाम बेटा सत्यम (20) को माता-पिता ने मोबाइल पर खेलने से मना किया। इससे नाराज होकर आरोपी ने लोहे की रॉड से हमला कर उन्हें लहूलुहान कर डाला। हमले में मां की मौके पर मौत हो गई, जबकि पिता गंभीर रूप से घायल हुए। उन्हें महाराष्ट्र के गोंदिया जिले के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
Mobile की लत से 2 से 5वर्ष के बच्चे वर्चुअल ऑटिज्म के शिकार
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