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Mumps outbreak in children : ये हैं लक्षण और संक्रमण का तरीका, कैसे करें बचाव

Mumps Symptoms and Treatment : कंठमाला एक संक्रामक वायरल रोग है। जो अक्सर छोटे बच्चों पर जल्दी अटैक करता है। यह वायरस खांसने-छींकने से निकलने वाली बूंदों के माध्यम से फैलता है और संक्रमण के शुरू होने से पांच दिन बाद तक संक्रामक बना रहता है।

भारतMar 09, 2025 / 12:07 pm

Manoj Kumar

Mumps Symptoms and Treatment Health Alert in Tamil Nadu School Close

Mumps Symptoms and Treatment Health Alert in Tamil Nadu School Close

Coimbatore Mumps Outbreak : तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले में स्कूली बच्चों में कंठमाला के बढ़ते मामलों के चलते राज्य स्वास्थ्य विभाग ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है। पीलामेडु स्थित एक मैट्रिकुलेशन स्कूल में पिछले दो दिनों में 21 किंडरगार्टन (केजी) छात्रों में इस वायरल संक्रमण की पुष्टि हुई है।

संक्रमण रोकने के लिए स्कूल बंद Schools closed to prevent Mumps infection

बढ़ते मामलों को देखते हुए स्कूल प्रशासन ने संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 12 मार्च तक छुट्टी घोषित कर दी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने निगरानी बढ़ा दी है और निवारक उपायों को तेज कर दिया है।

Mumps : लक्षण और संक्रमण का तरीका

कंठमाला एक संक्रामक वायरल रोग है, जो मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है, लेकिन किशोर और वयस्क भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। इस रोग में पैरोटिड लार ग्रंथियां सूज जाती हैं, जिससे चेहरे के एक या दोनों ओर सूजन, दर्द और बेचैनी होती है। अन्य लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान और चबाने में कठिनाई शामिल हैं। यह वायरस खांसने-छींकने से निकलने वाली बूंदों के माध्यम से फैलता है और संक्रमण के शुरू होने से पांच दिन बाद तक संक्रामक बना रहता है।

तमिलनाडु में Mumps के मामलों में बढ़ोतरी

तमिलनाडु लोक स्वास्थ्य निदेशालय (डीपीएच) द्वारा एक अध्ययन के अनुसार, राज्य में कंठमाला के मामलों में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है।

2021-22 में प्रति लाख जनसंख्या पर कंठमाला की दर 0.07 थी, जो 2023-24 में बढ़कर 1.30 हो गई।
अप्रैल 2021 से मार्च 2024 के बीच राज्य में 1,281 संभावित मामले दर्ज हुए, जिनमें से 56.05% महिलाएं थीं।

70% मामले नौ वर्ष से कम उम्र के बच्चों में मिले, जबकि 10% मामले 10-19 वर्ष के आयु वर्ग में दर्ज किए गए।

Mumps : टीकाकरण और बचाव के उपाय

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कंठमाला के प्रसार को रोकने के लिए टीकाकरण बेहद जरूरी है।

भारत में 1985 में सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) के तहत खसरा टीका शुरू किया गया था।
2017 में संयुक्त खसरा-रूबेला (एमआर) टीका लॉन्च किया गया, जिसका उद्देश्य 2020 तक दोनों बीमारियों को खत्म करना था।

कंठमाला को अधिसूचित रोग बनाने की सिफारिश

तमिलनाडु लोक स्वास्थ्य निदेशालय (डीपीएच) ने कंठमाला को अधिसूचित रोग घोषित करने की सिफारिश की है ताकि निगरानी और नियंत्रण के प्रयासों को बढ़ाया जा सके। अध्ययन में यह भी सुझाव दिया गया है कि केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार यूआईपी कार्यक्रम में कंठमाला के टीके को शामिल किया जाए, जिससे भविष्य में इस बीमारी के प्रकोप को रोका जा सके।

स्वास्थ्य विभाग की सलाह

स्वास्थ्य अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि यदि किसी व्यक्ति को खसरा, कंठमाला या चिकनपॉक्स जैसे लक्षण दिखाई दें, तो वे तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल में चिकित्सा सहायता लें। संक्रमित व्यक्ति को दूसरों से दूरी बनाए रखनी चाहिए, भरपूर आराम करना चाहिए और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।
कंठमाला एक आम वायरल संक्रमण है, लेकिन इसकी रोकथाम के लिए सतर्कता जरूरी है। तमिलनाडु में बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार को न केवल जागरूकता बढ़ाने, बल्कि टीकाकरण कार्यक्रम को भी सुदृढ़ करने की आवश्यकता है। उचित निगरानी और त्वरित कार्रवाई से इस बीमारी के प्रसार को रोका जा सकता है।

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