WHO का बड़ा ऐलान : Dengue, Chikungunya, Zika के लिए नई गाइडलाइंस जारी
Dengue, Chikungunya, and Zika : क्या आप जानते हैं कि एक छोटा सा मच्छर जानलेवा साबित हो सकता है? डेंगू, चिकनगुनिया, ज़ीका और पीत ज्वर जैसी बीमारियां अब सिर्फ दूरदराज की नहीं, बल्कि शहरों और घरों तक पहुंच गई हैं।
WHO का बड़ा ऐलान : डेंगू, चिकनगुनिया और जीका के लिए नई गाइडलाइंस जारी (फोटो सोर्स : Freepik)
WHO Issues Major Guidelines for Dengue, Chikungunya, and Zika : क्या आपने कभी सोचा है कि एक छोटा सा मच्छर कितना खतरनाक हो सकता है? डेंगू, चिकनगुनिया, जीका (Dengue, Chikungunya, and Zika) और पीत ज्वर जैसी बीमारियां, जिन्हें अक्सर मच्छर जनित रोग कहा जाता है अब सिर्फ दूरदराज के इलाकों की समस्या नहीं रह गईं। ये बीमारियां अब हमारे घरों, शहरों और यहां तक कि नई जगहों तक फैल रही हैं और दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी, यानी 5.6 अरब से ज़्यादा लोग इनके खतरे में हैं। इसी बढ़ती चिंता को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पहली बार इन आर्बोवायरल (Arboviral) बीमारियों के इलाज के लिए खास दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
Dengue, Chikungunya, and Zika : क्यों बढ़ रहा है खतरा?
पहले ये बीमारियां सिर्फ उष्णकटिबंधीय (tropical) और उपोष्णकटिबंधीय (subtropical) इलाकों तक सीमित थीं लेकिन अब ऐसा नहीं है। इसके पीछे कई बड़े कारण हैं:
जलवायु परिवर्तन:
बदलता मौसम मच्छरों के लिए नए प्रजनन स्थल तैयार कर रहा है। गरम तापमान और अनियमित बारिश उनके पनपने के लिए आदर्श माहौल बनाती है, जिससे वे उन इलाकों में भी फैल रहे हैं जहां पहले उनका नामोनिशान नहीं था। भारत में, मानसून की देर से वापसी और अत्यधिक बारिश को डेंगू के बढ़ते मामलों से जोड़ा गया है। कई अध्ययनों से पता चला है कि जलवायु परिवर्तन से मच्छरों का व्यवहार भी बदल रहा है, वे तेज़ी से विकसित हो रहे हैं और बीमारी फैला रहे हैं।
जनसंख्या वृद्धि और शहरीकरण:
शहरों में बढ़ती आबादी और अनियोजित शहरीकरण से पानी का जमाव बढ़ता है जो मच्छरों के प्रजनन के लिए एकदम सही जगह बन जाती है।
बढ़ता सफर:
आज के समय में लोग आसानी से एक जगह से दूसरी जगह जा सकते हैं जिससे संक्रमित व्यक्ति अनजाने में वायरस को नए क्षेत्रों में ले जा सकते हैं।
पहचानना क्यों है मुश्किल?
WHO ने बताया है कि इन बीमारियों का पता लगाना अक्सर मुश्किल होता है क्योंकि इनके लक्षण (जैसे बुखार, शरीर में दर्द, चकत्ते) एक जैसे होते हैं और अन्य सामान्य बुखारों से मिलते-जुलते हैं। कई बार तो ऐसा भी होता है कि एक ही इलाके में कई आर्बोवायरस एक साथ फैल रहे होते हैं, जिससे सही बीमारी का पता लगाना और भी चुनौती भरा हो जाता है, खासकर जहां जांच की सुविधाएं सीमित हों।
WHO की नई उम्मीद की किरण
इन चुनौतियों के बीच WHO के ये नए दिशा-निर्देश एक बड़ी राहत बनकर आए हैं। इनका मुख्य मकसद डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को इन बीमारियों को सही समय पर पहचानने और सही इलाज देने में मदद करना है। ये गाइडलाइंस अस्पतालों से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्तर तक, हर जगह लागू होंगी।
क्या है इन गाइडलाइंस में?
इन दिशा-निर्देशों में न केवल गंभीर बल्कि हल्के लक्षणों वाले मरीजों के इलाज के तरीके भी बताए गए हैं। इनमें शामिल हैं: तरल पदार्थों का प्रबंधन: बुखार में शरीर में पानी की कमी होना आम है, इसलिए सही मात्रा में तरल पदार्थ देना बहुत ज़रूरी है।
सहायक उपचार: पीत ज्वर जैसे कुछ रोगों के लिए विशेष सहायक उपचारों की सिफारिश की गई है। ये दिशा-निर्देश सिर्फ डॉक्टरों के लिए ही नहीं बल्कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्रोत का काम करेंगे, ताकि वे भविष्य में किसी भी महामारी से निपटने के लिए राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर बेहतर नीतियां बना सकें।
Zika Virus: Dengue और Chikungunya की तरह फैलता है Zika Virus का बुखार
भारत में स्थिति और अतिरिक्त जानकारी:
भारत में डेंगू, चिकनगुनिया और जीका का प्रकोप एक गंभीर चिंता का विषय रहा है। कई शहरों में ये बीमारियां अब सिर्फ मानसून तक सीमित नहीं हैं, बल्कि पूरे साल इनका खतरा बना रहता है। कुछ अध्ययनों से यह भी पता चला है कि भारत के 16 प्रमुख शहरों में पिछले 10 सालों में डेंगू के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
हाल ही में, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने महाराष्ट्र में जीका वायरस के मामलों को देखते हुए सभी राज्यों को अलर्ट जारी किया था। जीका हालांकि अक्सर हल्का होता है लेकिन गर्भवती महिलाओं के लिए यह विशेष रूप से खतरनाक हो सकता है क्योंकि यह नवजात शिशुओं में ‘माइक्रोसेफली’ (छोटे सिर का आकार) जैसे गंभीर जन्म दोष पैदा कर सकता है।
एक और चिंताजनक प्रवृत्ति सह-महामारी (co-epidemic) की है, जहां डेंगू और चिकनगुनिया जैसे दो वायरस एक ही समय में एक ही क्षेत्र में फैलते हैं। एडीस एजिप्ती मच्छर इन दोनों बीमारियों को फैलाता है। जब कोई व्यक्ति दोनों वायरस से संक्रमित होता है तो बीमारी और भी गंभीर हो सकती है और इसका निदान व प्रबंधन करना अधिक कठिन हो जाता है।
आप क्या कर सकते हैं?
इन बीमारियों से बचाव के लिए सबसे महत्वपूर्ण है मच्छरों के प्रजनन को रोकना। अपने घर और आसपास पानी जमा न होने दें कूलर और गमलों का पानी नियमित रूप से बदलें और मच्छरदानी का उपयोग करें। अगर आपको बुखार या ऊपर बताए गए लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
WHO की ये नई गाइडलाइंस एक महत्वपूर्ण कदम हैं लेकिन बीमारी से लड़ने के लिए सरकार, स्वास्थ्य कर्मियों और आम जनता, हम सभी को मिलकर काम करना होगा। जागरूकता, समय पर निदान और उचित उपचार ही हमें इन खतरनाक बीमारियों से बचा सकता है।
Hindi News / Health / WHO का बड़ा ऐलान : Dengue, Chikungunya, Zika के लिए नई गाइडलाइंस जारी