scriptगौ माता के प्रति जागरूकता लाने के लिए गौ राष्ट्र यात्रा 15 जून से, ऋषिकेश से रामेश्वरम तक निकाली जाएगी यात्रा | Gau Rashtra Yatra will be organised from Rishikesh to Rameswaram from June 15 to create awareness about cows | Patrika News
हुबली

गौ माता के प्रति जागरूकता लाने के लिए गौ राष्ट्र यात्रा 15 जून से, ऋषिकेश से रामेश्वरम तक निकाली जाएगी यात्रा

देश में गौ आधारित स्वराज्य और समृद्धि की चेतना को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य को लेकर ऐतिहासिक गौ राष्ट्र यात्रा का शुभारंभ 15 जून को पवित्र ऋषिकेश से होने जा रहा है, जिसकी विशेष पूर्णाहुति रामेश्वरम में होगी। यह यात्रा देश के 12 राज्यों से गुजरते हुए लगभग 10,127 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और लगभग 60 से 75 दिनों तक चलेगी।

हुबलीJun 14, 2025 / 09:29 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

भारत सिंह राजपुरोहित शिवतलाव

भारत सिंह राजपुरोहित शिवतलाव

चेतना को जगाने का प्रयास
गौ राष्ट्र यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए जीव जंतु कल्याण एवं कृषि शोध संस्थान के अध्यक्ष भारत सिंह राजपुरोहित शिवतलाव ने राजस्थान पत्रिका को बताया कि आज के भौतिकवादी युग में जब हम आधुनिकता की ओर दौड़ रहे हैं, तब हम अपनी संस्कृति के मूल तत्व गौमाता की सेवा के सिद्धांतों से दूर होते जा रहे हैं। गाय केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि भारत के गांवों के लिए आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक समृद्धि का भी प्रतीक रही है। आज के समय में किसानों की खेती-बाड़ी की समस्याएं, रोजगार की कमी, जल संकट और सांस्कृतिक क्षरण जैसे कई प्रश्न सामने आ रहे हैं, जिनकी जड़ में गौ माता के प्रति उपेक्षा है। गौ राष्ट्र यात्रा इस चेतना को जगाने का एक महत्वाकांक्षी प्रयास है।
यात्रा के दौरान जनजागृति कार्यक्रमों का होगा आयोजन
राजपुरोहित ने बताया कि गौ राष्ट्र यात्रा के दौरान देशभर में विभिन्न स्थानों पर गौ शिविर, सेमिनार, संवाद और जनजागृति कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें वैज्ञानिकों, किसानों, योगाचार्यों, पर्यावरणविदों और गुरुओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। यात्रा में सम्मिलित श्रद्धालु और सेवक योग, आहारशैली और स्वच्छता के संदेश के साथ-साथ गौ आधारित जीवनशैली को अपनाने का संकल्प लेंगे। गौ राष्ट्र यात्रा के माध्यम से देश के नागरिकों में गाय आधारित जीवनशैली, जैविक खेती, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, गौ आधारित स्टार्टअप्स और महिलाओं के सशक्तिकरण जैसे विषयों पर व्यापक जागरूकता फैलाने का लक्ष्य रखा गया है। गाय आधारित व्यवस्था के माध्यम से गांव आत्मनिर्भर बनें, रासायनिक खादों का विकल्प जैविक तरीकों से विकसित हो, गौ उत्पादनों के क्षेत्र में युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर बनें, इसके लिए यह यात्रा प्रेरणास्त्रोत बनेगी। साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए भी गाय का महत्व जनमानस को समझाया जाएगा।
स्वास्थ्य और आध्यात्मिक शांति का मार्गदर्शन करेगी यात्रा
उन्होंने बताया कि यह यात्रा केवल धार्मिक यात्रा नहीं है, बल्कि वैज्ञानिक और आर्थिक दृष्टिकोण से भारत के पुनर्निर्माण के लिए एक सशक्त मार्ग है। शास्त्रों में भी कहा गया है कि गौमाता की सेवा से देवता प्रसन्न होते हैं और समृद्धि प्राप्त होती है। गौमाता के आशीर्वाद से यह यात्रा गांव-गांव तक पहुंचकर पोषण, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक शांति का मार्गदर्शन करेगी। इस यात्रा को आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दोनों दृष्टिकोणों से देखा जा सकता है। शास्त्रों में उल्लेख है कि गाय में 33 करोड़ देवताओं का वास होता है। गाय को पुष्ट करना समस्त जगत की समृद्धि के लिए कार्य करने के समान है। इस महायात्रा के माध्यम से पूरे देश में गौ प्रेम, गौ रक्षा और गौ आधारित विकास के लिए एक नए युग का आरंभ होगा। ऐसा पवित्र संकल्प लेकर यह गौ राष्ट्र यात्रा निकाली जा रही है।

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