वरिष्ठ नागरिकों से जुड़े संगठनों ने इसे गंभीर लापरवाही करार देते हुए जिला प्रशासन को चेताया है। उनका कहना है कि अगर जल्द ही सभी थानों में वरिष्ठ नागरिक प्रकोष्ठ की स्थापना नहीं की गई, तो वे जिले के डिप्टी कमिश्नर कार्यालयों के सामने जोरदार विरोध प्रदर्शन करेंगे। वरिष्ठ नागरियों की विभिन्न मांगों को लेकर 16 जून को जिला कलक्टर कार्यालय एवं तहसील कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया है। वरिष्ठ नागरिकों का कहना है कि उनकी सुनवाई की कोई व्यवस्था नहीं है। छोटी-छोटी शिकायतों के लिए भी उन्हें कई बार चक्कर काटने पड़ते हैं। उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार भी नहीं होता।
वरिष्ठ नागरिक संगठन के पदाधिकारियों ने कहा, हमने बार-बार प्रशासन से आग्रह किया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। यदि अब भी हमारी मांग नहीं मानी गई, तो हम राज्यव्यापी आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। वरिष्ठ नागरिकों की संख्या लगातार बढ़ रही है और उनके अधिकारों की रक्षा करना प्रशासन की जिम्मेदारी है। अगर शासन और प्रशासन इस ओर गंभीरता से कदम नहीं उठाते, तो वरिष्ठ नागरिकों का आक्रोश सार्वजनिक आंदोलन का रूप ले सकता है।
उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक प्रदेश वरिष्ठ नागरिक एवं सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण संगठन से कर्नाटक में एक लाख बीस हजार सदस्य जुड़े हुए हैं। इसमें करीब 28 हजार महिला सदस्य है। संगठन 2007 से अस्तित्व में हैं और लगातार वरिष्ठ नागरिकों की आवाज उठाता रहा है। संगठन के कार्यालय पर रोजाना वरिष्ठ नागरियों की समस्याओं की जनसुनवाई भी की जा रही है। जिसमें यथासंभव उनकी समस्याओं को सुलझाने का प्रयास किया जाता है।
इस अवसर पर कर्नाटक प्रदेश वरिष्ठ नागरिक एवं सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण संगठन के उपाध्यक्ष सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ. लिंगराज हौगारी, संगठन के कृषि प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष डी.टी. पाटिल, संगठन केे संयुक्त सचिव सेवानिवृत्त सहायक आयुक्त एस.एम. कोलुर एवं संगठन की महिला प्रकोष्ठ की प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सुनन्दा बेलूर भी उपस्थित थीं।