scriptमरुदेवा नेक्स्ट जेन: सेवा के संकल्प से समाज में जगा रहे उम्मीद की लौ | Patrika News
हुबली

मरुदेवा नेक्स्ट जेन: सेवा के संकल्प से समाज में जगा रहे उम्मीद की लौ

जहां आज की युवा पीढ़ी को अक्सर केवल सोशल मीडिया और भागदौड़ भरी जिंदगी में व्यस्त देखा जाता हैं, वहीं कर्नाटक के हुब्बल्ली शहर के 18 से 30 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं का एक समूह अपने नेक कार्यों से समाज को एक नई दिशा देने का प्रयास कर रहा है। इस समूह का नाम है “मरुदेवा नेक्स्ट जेन”, जो महज दो महीने पहले गठित हुआ, लेकिन इतने कम समय में इसने जो सेवा कार्य किए हैं, वह प्रेरणादायक और सराहनीय हैं।

हुबलीMay 13, 2025 / 05:03 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

मरुदेवा नेक्स्ट जेन के सदस्य जिनके चेहरों पर सेवा का संतोष और उल्लास साफ झलक रहा है।

मरुदेवा नेक्स्ट जेन के सदस्य जिनके चेहरों पर सेवा का संतोष और उल्लास साफ झलक रहा है।

मरुदेवा नेक्स्ट जेन के सदस्यों ने यह दिखाया है कि बदलाव लाने के लिए उम्र नहीं, जज्बा चाहिए। हर रविवार को होने वाले इनके सेवा कार्य अब एक आदत नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन का रूप ले चुके हैं। मरुदेवा नेक्स्ट जेन जैसे युवाओं के प्रयास यह सिद्ध करते हैं कि आज की पीढ़ी केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन के वाहक भी हैं। यदि सही दिशा मिले, तो युवा सेवा, संवेदना और समर्पण के प्रतीक बन सकते हैं।
प्रेरणा के स्रोत बनते युवा
“मरुदेवा नेक्स्ट जेन” जैसे समूह यह साबित करते हैं कि परिवर्तन की शुरुआत बड़े आंदोलनों से नहीं, बल्कि छोटे मगर समर्पित प्रयासों से होती है। ये युवा अपने कार्यों से समाज के हर वर्ग को यह संदेश दे रहे हैं कि सेवा, जब जुनून बन जाए, तो उसका असर व्यापक और गहरा होता है। मरुदेवा नेक्स्ट जेन की एक सदस्य कश्वी जैन कहती है, हमें गर्व है कि हम समाज के लिए कुछ कर पा रहे हैं। हमारी कोशिश है कि और युवा जुड़ें और यह लहर आगे बढ़े।
हर रविवार, सेवा का संकल्प
हर रविवार ये युवा अपनी छुट्टी का उपयोग आराम या मनोरंजन में नहीं, बल्कि समाजसेवा में लगाते हैं। इनके कार्यों की सूची छोटी नहीं है। बीते दिनों इन्होंने एक स्थानीय गौशाला में गायों को हरा चारा, फल और सब्जियां खिलाईं। विशेष बात यह रही कि लावारिस और बीमार गायों के लिए भी इन्होंने रोटी और अन्य पौष्टिक आहार का इंतजाम किया। सिर्फ गौसेवा ही नहीं, इन युवाओं ने शहर की गलियों में घूमते बेसहारा कुत्तों को भी बिस्किट और भोजन उपलब्ध कराया। सेवा की यह भावना न केवल पशु प्रेम को दर्शाती है, बल्कि मानवीय संवेदनाओं की भी एक सुंदर मिसाल है।
दान अभियान: किताबें, कपड़े और समाज के लिए नई रोशनी
“मरुदेवा नेक्स्ट जेन” के युवाओं ने सामाजिक कल्याण के अपने प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए पुरानी किताबें और कपड़ों का संग्रहण अभियान भी शुरू किया। इसके तहत इन्होंने हुब्बल्ली के नौ प्रमुख जैन मंदिरों में संग्रहण पात्र रखवाए। परिणामस्वरूप लोगों ने खुले दिल से सहयोग किया और बड़ी संख्या में कपड़े, किताबें और नोटबुकें दान कीं। इन सामग्रियों को अब जरूरतमंदों तक पहुंचाया जा रहा है। कपड़े उन परिवारों को दिए जा रहे हैं जिनके पास पहनने को भी नहीं और किताबें उन बच्चों को जिनके सपनों की राह में आर्थिक अभाव एक बड़ी बाधा है।
स्वास्थ्य और जागरूकता अभियान की योजना
“मरुदेवा नेक्स्ट जेन” का यह सफर यहीं थमने वाला नहीं है। समूह ने आने वाले समय के लिए ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने की योजना बनाई है। इन शिविरों के माध्यम से ग्रामीणों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां दी जाएंगी, नि:शुल्क जांच एवं परामर्श उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही युवाओं ने फंड राइजिंग अभियान की भी रूपरेखा तैयार की है, ताकि सेवा कार्यों को निरंतर और प्रभावी रूप से चलाया जा सके। इनके मन में पर्यावरण, शिक्षा, स्वच्छता और वृद्ध सेवा जैसे अनेक आयामों को लेकर भी योजनाएं आकार ले रही हैं।
“मरुदेवा नेक्स्ट जेन” की टीम
मरुदेवा नेक्स्ट जेन के वर्तमान में करीब 45 सदस्य है। इसमें कश्वी मांडोत, नेहा मुणोत, तन्वी भंसाली, ऋषिका मालानी, दक्ष तलिसरा, जयेश जैन, मीत वडेरा, युवाम डुमावत, सोहम डुमावत, एकता जैन, मयूरी गोगड़, कली शाह, आयुषि जैन, आरती जैन, जिनल, क्रिया, कृशिका, पूजा, देव्यांश, भाविका, स्तुति, स्तुति भंसाली, नमि जैन, कली जैन, सम्यक, निधि ओसवाल, दीक्षिता कर्णावट, ऋतु समेत अन्य शामिल है।

Hindi News / Hubli / मरुदेवा नेक्स्ट जेन: सेवा के संकल्प से समाज में जगा रहे उम्मीद की लौ

ट्रेंडिंग वीडियो