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हुबली

ठाकुरला में चारभुजा मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा 7 जून को, दक्षिण भारत से प्रवासी भी समारोह में होंगे शामिल

राजस्थान के पाली जिले के ठाकुरला गांव में चारभुजा मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव का शुभारम्भ 5 जून को होगा तथा प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव की पूर्णाहूति 7 जून को होगी। समस्त केवाणसा राजपुरोहित खीमावत परिवार छोटावास के तत्वावधान में आयोजित महोत्सव में तीन दिन तक विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

हुबलीMay 26, 2025 / 05:10 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

चारभुजा मंदिर

चारभुजा मंदिर

संत तुलछाराम महाराज समेत अन्य संत-महात्माओं का मिलेगा सान्निध्य
महोत्सव खेतेश्वर ब्रह्मधाम तीर्थ आसोतरा के गादीपति संत तुलछाराम महाराज के सान्निध्य में होगा। गौधाम पथमेड़ा के दत्तशरणानन्द महाराज, स्वामी आत्मानन्द सरस्वती गुरु मंदिर जालोर के गादीपति स्वामी रामानन्द महाराज, देवानन्द सरस्वती महाराज कालन्द्री, भारत साधु समाज के राष्ट्रीय सचिव एवं निर्मल कुटीर आसोतरा के महंत निर्मलदास महाराज, रविधाम-थलवाड़ के महंत सत्यानन्द ब्रह्मचारी महाराज, उंदरा चौराया वायद-जैतपुर मादलिया धाम के महंत घनश्याम दास महाराज, ब्रह्मधाम आसोतरा के वेदांताचार्य डॉ. ध्यानाराम महाराज एवं संत पुष्करदास त्यागी महाराज बुसी का सान्निध्य भी मिलेगा। संपूर्ण प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव के मुख्य आचार्य शाी प्रमोद दवे पुष्पदत्त दवे शिवगंज होंगे। कर्नाटक, तमिलनाडु, आन्ध्रप्रदेश, तेलंगाना समेत विभिन्न दक्षिणी राज्यों से भी प्रवासी समारोह में शामिल होंगे।
महोत्सव के मौके होगी भागवत कथा
चारभुजा मंदिर एवं मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत 3 से 7 जून तक प्रतिदिन सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक श्रीमद्भागवत कथा सत्संग समारोह का आयोजन किया जाएगा। कथा व्यास वेदांताचार्य डॉ. ध्यानाराम महाराज कथा का रसास्वादन कराएंगे। महोत्सव के तहत 6 जून को विराट भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। गजेन्द्र राव एंड पार्टी जोधपुर तथा अनिल सेन एंड पार्टी नागौर भजनों की प्रस्तुति देंगे। चंदनसिंह राजपुरोहित धांगड़वास एवं भरतसिंह राजपुरोहित पुनाडिय़ा मंच संचालन करेंगे।
638 साल पहले पड़ी नींव
विक्रम संवत 1444 में ठाकुरला गांव की नींव पड़ी। यह गांव केवाणसा राजपुरोहितों का गौरवशाली केन्द्र रहा। जिनका इतिहास कोलापाटन, पोकरण, बड़ पुष्कर और पाराशर गौत्र से जुड़ा है। वर्तमान में खीमावत परिवार खीमावतों का वास छोटा वास में और धनावत, दलावत एवं कलावत परिवार बड़े वास में निवास करते हैं। ठाकुरला में केवाणसा राजपुरोहितों के करीब 400 परिवार है। इसके अतिरिक्त जेठन्तरी, खरोकड़ा, टेवाली एवं सोनाई मांझी जैसे गांव भी केवाणसा राजपुरोहितों के प्रमुख केन्द्र है।

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