एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांझल ने बताया, इंदौर से गुजरात बॉर्डर तक करीब 155 किमी का हाईवे वर्षों पुराना है। समय के साथ सड़क खराब होने लगी है। निर्माण करने वाली कंपनी को इसका मेंटेनेंस करना था, लेकिन आर्थिक स्थिति खराब होने से कंपनी ने हाथ खींच लिए।
ऐसे में एनएचएआई ने इसे संवारने के लिए टेंडर जारी किए थे। 25 करोड़ का काम हो चुका है। साथ ही अन्य 50 करोड़ का काम शुरू होने वाला है। एनएचएआई काम कर रहा है।
तीन हिस्सों में चल रहा काम
बांझल ने बताया, इंदौर, धार और झाबुआ के तीन हिस्सों में काम किया शुरू किया गया है। इस क्रम में झाबुआ के कालीदेवी क्षेत्र, धार के दत्तीगांव और इंदौर जिले के मेठवाड़ा से काम किया जा रहा है। 31 मार्च तक काम पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इंदौर के नावदापंथ से यह हाईवे शुरू होता है जो गुजरात के पिटोल तक जाता है। हाईवे 155 किमी लंबा है। 16 किमी के माछलिया घाट का काम हो चुका है। अब बचे हुए 139 किमी का काम किया जा रहा है। ये भी पढ़ें: ‘आयुष्मान भारत योजना’ में बड़ा बदलाव, फ्री में करा सकेंगे ‘नॉर्मल डिलिवरी’ वाइट लाइन से लेकर सबकुछ नया
सड़क पर दो लेयर डामरीकरण किया जा रहा है। इसके अलावा वाइट लाइन डालने के साथ ही साइन बोर्ड भी बदले जाएंगे। ट्रैफिक सुरक्षा के संसाधन भी लगाए जाएंगे।