8 लेन बनने जा रहे इस राष्ट्रीय राजमार्ग का 50 फीसदी काम पूरा हो चुका है। डिपार्टमेंट के अधिकारियों के मुताबिक राजमार्ग बनने से 16 गांवों को इसका फायदा होगा। सड़क किनारों की बजाए डिवाइडर के बीच खाली जमीन पर पौधे रोपे जाएंगे, क्योंकि किनारों के आसपास गांवों के विस्तार के लिए जमीन छोड़ गई है।
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कनाड़िया से लेकर राघवगढ़ तक इंदौर-हरदा राजमार्ग का नया हिस्सा बनाया जा रहा है। 27 कि.मी की इस सड़क से इंदौर से लगे गांवों की कनेक्टिविटी बढ़ेगी। इसका फायदा कनाड़िया, खुडैल, काजी पलासिया समेत मार्ग पर आने वाले अन्य गांवों को मिलेगा।
इस तरह निर्धारित की गई काम की डेडलाइन
राजमार्ग में दुपहिया-कार सहित भारी वाहनों को ध्यान में रखकर सड़क निर्माण किया जा रहा है, जिसमें दो-दो सर्विस लेन और चार लेन मुख्य सड़क रहेगी। अभी तक आधा काम हुआ है। सर्विस लेन का काम अभी धीमा चल रहा है। एनएचएआई की ओर से जून 2025 तक 85-90 फीसदी काम पूरा करने की डेडलाइन निर्धारित की है।शेष दस फीसदी काम के साथ साथ ग्रीनरी का काम दिसंबर तक पूरा करना होगा। यह भी पढ़ें- लव जिहाद केस : कोर्ट परिसर में मुस्लिम युवक की पिटाई के विरोध में आए दिग्विजय सिंह, कही बड़ी बात हर महीने होगा इंस्पेक्शन
राजमार्ग पर रोजाना बीस से पच्चीस हजार वाहनों की आवजाही होगी। इसके लिए इंदौर-हरदा राजमार्ग के निर्माण कार्यों की समीक्षा हर महीने होगी। अधिकारियों कोनिरीक्षण कर रिपोर्ट एनएचएआई के क्षेत्रीय कार्यालय को भेजनी होगी।
5 तालाब भी विकसित होंगे
एनएचएआई के पास पर्याप्त जमीन नहीं है। ऐसे में हरियाली को मैंटेन रखने के लिए आसपास के जलस्रोतों को भी पुनर्जीवित करने का काम किया जा रहा है। ग्रामीणक्षेत्रों के तालाबों को विकसित करने का काम एनएचएआई कर रही है। करीब 5 तालाबों के जीर्णोद्धार का काम शुरू कर दिया गया है, जिसे पूरा करने के लिए भी जुलाई सेअगस्त तक का समय निर्धारित किया गया है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार?
मामले को लेकर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांझल का कहना है कि राजमार्ग से लगे गांवों का विस्तार होना है। इसके लिए राजमार्ग के लिए अतिरिक्त जमीन अधिग्रहित नहीं की गई है। ऐसे में पौधारोपण के साथ साथ जल संरक्षण पर ध्यान दिया जा रहा है।