यह कदम अपमिश्रित और मिलावटी दूध के विक्रय की रोकथाम और संक्रामक रोगों की रोकथाम के उद्देश्य से उठाया गया है। कलेक्टर ने बताया, भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम 2023 की धारा 163 के तहत यह आदेश जारी किया गया है। दूध में फैट व एसएनएफ की मात्रा, आवक व विक्रय की जानकारी डिस्प्ले करना भी जरूरी है।
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उपभोक्ताओं के सामने विक्रेता को दूध का परीक्षण कर फैट और एसएनएफ की मात्रा बतानी होगी। इस यंत्र के इस्तेमाल और संचालन की जानकारी भी उपभोक्ताओं को देने का दायित्व विक्रेताओं का रहेगा। जो दूध विक्रेता डोर-टू-डोर सप्लाय करते हैं उन्हें अपने साथ मापक यंत्र रखना होगा या दूध के डिब्बों, कैन पर मात्रा को प्रतिदिन लिखकर प्रदर्शित करना होगा। आदेश 3 अप्रेल तक लागू रहेगा।